फतेह सिंह उजाला | पटौदी, 6 मई 2025 – पटौदी क्षेत्र स्थित गुड़गांव वर्ल्ड स्कूल एक बार फिर विवादों में है। मंगलवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब स्कूल बस को चला रहा चालक गंभीर रूप से नशे में धुत पाया गया। यह घटना जाटोली गांव के होली चौक के पास हुई, जहां बस बैक करने में असमर्थ रही और ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर चालक को दबोच लिया। इस दौरान बस में मासूम बच्चे भी मौजूद थे।

स्कूल प्रबंधन ने साधी चुप्पी

घटना की जानकारी मिलते ही जब स्कूल प्रबंधन से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बोलने से साफ इनकार कर दिया। उनका यह रवैया न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर उनकी संवेदनहीनता को भी उजागर करता है। क्या इतने भर से प्रबंधन की जवाबदेही खत्म हो जाती है?

प्रमुख सवाल जो अब तक अनुत्तरित हैं:

  1. नशे में धुत चालक आखिर किसकी अनुमति से बच्चों को लेकर स्कूल बस चलाने निकला?
  2. बस में कोई महिला या पुरुष सहायक मौजूद था या नहीं? अगर थे, तो उन्होंने नशे की जानकारी प्रबंधन को क्यों नहीं दी?
  3. स्कूल स्टाफ की बेटी की शादी की जानकारी प्रबंधन को कैसे नहीं थी? यदि थी, तो चालक को छुट्टी क्यों नहीं दी गई?
  4. यदि चालक मजबूरी में ड्यूटी पर आया, तो क्या स्कूल प्रशासन का उस पर दबाव था?
  5. ड्रिंक एंड ड्राइव में पकड़े गए चालक पर 10,000 रुपये का चालान किया गया, लेकिन स्कूल बस को इंपाउंड क्यों नहीं किया गया?

पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल

सूत्रों के अनुसार, मौके पर पहुंची पुलिस ने नशे की मात्रा को तय सीमा से ढाई गुना अधिक पाया। इसके बावजूद स्कूल बस को छोड़े जाने से पुलिस की मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या बच्चों की जान की कीमत सिर्फ चालान से चुकाई जा सकती है?

अभिभावकों का फूटा गुस्सा

घटना स्थल पर पहुंचे अभिभावकों और ग्रामीणों ने कड़ा ऐतराज़ जताते हुए स्कूल प्रबंधन की लापरवाही को शर्मनाक बताया। अभिभावकों ने साफ कहा कि यदि कोई हादसा हो जाता, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेता? एक अभिभावक ने सवाल उठाया – “स्कूल प्रबंधन को ड्राइवर की बेटी की शादी की जानकारी नहीं थी? क्या यह संभव है?”

स्कूल की सफाई: “भविष्य में वाहनों की जांच होगी”

घटना के बाद स्कूल की एक महिला प्रतिनिधि मौके पर पहुंचीं और कहा गया कि “अब से स्कूल परिसर से वाहनों के निकलने से पहले जांच की जाएगी।” लेकिन सवाल है कि क्या भविष्य की योजनाएं बीते जोखिम की भरपाई कर सकती हैं?

निष्कर्ष:

गुड़गांव वर्ल्ड स्कूल की यह घटना सिर्फ एक सड़क हादसे से बची दुर्घटना नहीं, बल्कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा के नाम पर हो रहे लापरवाह प्रबंधन की जीवंत मिसाल है। जब तक इन सवालों के जवाब नहीं मिलते, तब तक यह मामला न सिर्फ स्थानीय प्रशासन बल्कि शिक्षा विभाग के लिए भी चुनौती बना रहेगा।

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