पटौदी के पड़ासोली गांव में शॉर्ट सर्किट से लगी आग, प्रशासन की लापरवाही ने ली मासूम जानें

फतह सिंह उजाला

पटौदी, 19 मई – “समस्या का समाधान तय समय सीमा में हो”, “शिकायतें लंबित न रहें”—ये सरकारी दावे आज एक बार फिर पटौदी के पड़ासोली गांव में जलते हुए सच से झूठे साबित हो गए, जब एक शॉर्ट सर्किट की घटना में 5 दुधारू पशु जिंदा जल गए और 5 अन्य झुलस गए।

सालभर पहले की गई एक सादा-सी शिकायत यदि समय पर सुनी गई होती, तो शायद इन बेजुबान जानवरों की जान बच सकती थी।

1 साल पुरानी शिकायत, 0 कार्रवाई

पड़ासोली निवासी दयानंद पुत्र रोशन लाल ने 28 जून 2024 को बोहराकला बिजली विभाग के एसडीओ को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि उनके क्षेत्र में एक बिजली का खंबा खतरनाक रूप से झुका हुआ है, जो कभी भी गिर सकता है। पत्र में साफ चेतावनी दी गई थी कि यह खंबा जान-माल की हानि का कारण बन सकता है।

लेकिन अफ़सोस… न कोई अधिकारी आया, न कोई सर्वे हुआ। शिकायत एक कोने में धूल फांकती रही और आखिरकार वही हुआ जिसका डर था—एक डेरी में लगी आग ने सबकुछ राख कर दिया।

5 पशु जिंदा जले, 5 झुलसे, चारा भी राख

पिछली शाम शॉर्ट सर्किट से डेरी में आग लगी। उस वक्त डेरी में करीब एक दर्जन दुधारू पशु मौजूद थे। आग की लपटों ने 5 जानवरों को मौके पर ही निगल लिया। बाकी झुलसे हुए पशु दर्द से तड़पते रहे। डेरी में रखा हज़ारों रुपये का चारा भी जलकर खाक हो गया।

स्थानीय ग्रामीणों ने जान बचाने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन आग की भयावहता के सामने वो भी बेबस हो गए। सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। पशु चिकित्सकों को भी बुलाया गया, जो झुलसे हुए जानवरों का इलाज कर रहे हैं।

कौन लेगा इस लापरवाही की जिम्मेदारी?

यह घटना एक बहुत बड़ा सवाल खड़ा करती है—आखिर जब एक नागरिक समय रहते चेतावनी देता है, तो भी प्रशासन क्यों नहीं जागता?
क्या फाइलों में दब जाने वाली शिकायतें मूल्यवान जानों से बड़ी हो गई हैं?

लगभग 6 लाख रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। ग्रामीणों ने बिजली विभाग के लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।

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