चंडीगढ़, 6 मई – राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) के तहत 5वीं राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक मंगलवार को हरियाणा निवास में हुई। बैठक की अध्यक्षता हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल ने की।
बैठक में गृह, डीएमईआर, शिक्षा और खाद्य एवं औषधि प्रशासन सहित अलग अलग विभागों ने राज्य भर में तंबाकू नियंत्रण उपायों के कार्यान्वयन की स्थिति पर अपडेट साझा किए गए।
बैठक में बताया गया कि राज्य के 388 कॉलेजों में से 188 को भारत सरकार के टीओएफईआई दिशानिर्देशों के अनुसार “तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान” घोषित किया गया है।
बैठक को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल ने कहा कि हरियाणा के सभी कॉलेजों को 100% धूम्रपान-मुक्त बनाया जाना चाहिए, कॉलेज परिसरों और उसके 100-गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री और खपत पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उन्होंने धूम्रपान करते हुए पकड़े जाने वाले छात्रों के लिए निष्कासन सहित सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी सुझाव दिया और कहा कि कॉलेज कैंटीन में किसी भी सूरत में तंबाकू उत्पाद नहीं बेचे जाने चाहिए। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ की तर्ज पर शिक्षण परिसर में धूम्रपान करने पर जुर्माना लगाने, निगरानी के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने जैसे कदम उठाने का सुझाव भी दिया।
बैठक में पंचकूला के सिटी मजिस्ट्रेट श्री विश्वनाथ ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए), 2003 के तहत उल्लंघन के लिए ई-चालान प्रणाली के कार्यान्वयन का प्रस्ताव रखा। यह यातायात पुलिस द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रणाली के समान है। जिस पर स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल ने स्वास्थ्य विभाग को एक समर्पित ई-चालानिंग पोर्टल विकसित करने के लिए हारट्रोन के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया। बैठक में
ई-सिगरेट/वेपिंग के अलावा इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) निषेध अधिनियम, 2019 (PECA, 2019) के तहत प्रतिबंधित होने के बावजूद, बाजारों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों दोनों में ई-सिगरेट की बढ़ती उपलब्धता के बारे भी चर्चा हुई। अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल ने कहा कि राज्य भर में ई-सिगरेट की अवैध बिक्री और वितरण पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कार्रवाई की जाए।
इसके अलावा, उन्होंने सिनेमाघरों में दिखाए जाने वाले तंबाकू विरोधी विज्ञापनों की नियमित स्क्रीनिंग सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि राज्य भर के सभी सिनेमाघरों में फिल्मों से पहले लिंग निर्धारण और लिंग पूर्वाग्रह को संबोधित करने वाला एक समान सार्वजनिक स्वास्थ्य विज्ञापन दिखाया जाए।
बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. कुलदीप सिंह तथा निदेशक डॉ. ब्रह्म दीप सिंधु,राज्य तंबाकू नियंत्रण सेल के नोडल अधिकारी डॉ. परविंदर जीत सिंह , राज्य सलाहकार सुश्री आरुषि सभरवाल और श्री पवन सूर्यवंशी भी मौजूद थे।