विश्व की नजरें दक्षिण एशिया पर
भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में खलबली- पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम सहित कई पोर्ट तबाह
भारत की फाइनल पारी-पाकिस्तान पर सबसे भारी- भारत की मुँहतोड़ जवाब की रणनीतिक तैयारी- आतंकवाद के खिलाफ़ वैश्विक समर्थन जारी
-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव ने न केवल उपमहाद्वीप बल्कि वैश्विक समुदाय का ध्यान भी आकर्षित किया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी है। इसके जवाब में पाकिस्तान द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में मिसाइल और ड्रोन हमले किए गए, जिनका भारत ने अत्यंत सटीक और तगड़ा जवाब दिया।
भारत की जवाबी कार्रवाई: रणनीतिक पराक्रम की मिसाल
भारत ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाते हुए कराची, लाहौर, पेशावर और रावलपिंडी जैसे रणनीतिक शहरों पर जवाबी हमले किए। नौसेना ने कराची पोर्ट को तबाह कर दिया है, जबकि वायुसेना ने S-400 और ‘आकाश’ मिसाइल डिफेंस सिस्टम से पाकिस्तान के F-16 और JF-17 फाइटर जेट्स को मार गिराया।
मुख्य जवाबी कार्रवाइयाँ:
- कराची पोर्ट पर मिसाइल हमला
- इस्लामाबाद और लाहौर पर ड्रोन स्ट्राइक
- पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय किया गया
- पाकिस्तान के दो फाइटर जेट (F-16 और JF-17) मार गिराए गए
ब्लैकआउट और अलर्ट: भारतीय सीमावर्ती राज्य सतर्क

भारत के पंजाब, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और गुजरात के अनेक शहरों में ब्लैकआउट घोषित कर दिया गया है। नागरिकों को घरों में रहने की सलाह दी गई है, और मोबाइल नेटवर्क प्रभावित हो गया है।
प्रभावित क्षेत्र और घटनाक्रम:
- जम्मू-कश्मीर: जम्मू, उधमपुर, सांबा, किश्तवाड़, श्रीनगर
- पंजाब: अमृतसर, फिरोजपुर, जालंधर, मोहाली
- राजस्थान: जैसलमेर, श्रीगंगानगर, बाड़मेर
- गुजरात: कच्छ, भुज, सर क्रीक
ड्रोन हमले की आशंका को देखते हुए अमृतसर, चंडीगढ़, शिमला सहित कई शहरों से विमानों की उड़ानें रद्द की गई हैं। मोहाली और अखनूर में ब्लैकआउट की घोषणा की गई है।
पाकिस्तान की ओर से हमले और भारत की तत्परता
पाकिस्तान ने जम्मू से जैसलमेर तक कई क्षेत्रों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिसे भारतीय वायुसेना ने नाकाम कर दिया। आरएस पुरा, सांबा, पठानकोट जैसे क्षेत्रों में भीषण गोलाबारी जारी है। भारतीय सेना ने जवाब में भारी हमले किए हैं, जिससे पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों में दहशत फैली हुई है।
राजनीतिक और वैश्विक प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका समेत तमाम वैश्विक ताकतें इस टकराव पर नज़र बनाए हुए हैं। अमेरिका ने तटस्थ रहते हुए दोनों देशों को आपसी विवाद सुलझाने की सलाह दी है। भारत को वैश्विक समर्थन प्राप्त हो रहा है क्योंकि यह कार्यवाही आतंकवाद के खिलाफ मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल और तीनों सेना प्रमुख लगातार बैठकें कर रहे हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच भी चर्चा हुई है।
निष्कर्ष: भारत की फाइनल पारी – पाकिस्तान पर सबसे भारी
भारत की रणनीतिक जवाबी कार्रवाई न केवल सैन्य दृष्टि से बल्कि वैश्विक कूटनीति के स्तर पर भी प्रभावी रही है। “छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं” की नीति के तहत भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद और उकसावे की राजनीति अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान में खलबली है — एयर डिफेंस सिस्टम से लेकर प्रमुख पोर्ट तक बर्बाद हो चुके हैं। यह स्पष्ट है कि भारत आतंकवाद और सीमापार हमलों को अब कड़ा और निर्णायक उत्तर देगा।–
-संकलनकर्ता लेखक एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र सीए(एटीसी), कर विशेषज्ञ, साहित्यकार, कानूनी लेखक संगीत माध्यमा चिंतक,