गांव मोकलवास में उमड़ा जनसैलाब, देशभक्ति और श्रद्धा में डूबी अंतिम यात्रा

गुरुग्राम, 10 मई। गुरुग्राम जिले के मोकलवास गांव में आज देशभक्ति और सम्मान का अद्वितीय दृश्य देखने को मिला, जब स्वतंत्रता सेनानी स्व. सुखराम जी की धर्मपत्नी शांति देवी का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस अवसर पर प्रशासनिक अधिकारियों, समाज के गणमान्य व्यक्तियों और सैकड़ों ग्रामीणों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी।
शांति देवी के पति स्व. सुखराम, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आज़ाद हिंद फौज से जुड़े थे। उन्होंने अंग्रेजों की सेना को छोड़कर मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए आज़ादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी। उनके बलिदान को भारतवर्ष आज भी गर्व से याद करता है।

शांति देवी अपने पीछे तीन पुत्र, तीन पुत्रियाँ, तीन पौत्र और चार पौत्रियाँ छोड़ गई हैं। उनके निधन पर पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
राजकीय सम्मान के साथ दी गई विदाई
स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी समिति, गुरुग्राम की ओर से अध्यक्ष कपूर सिंह दलाल और महासचिव सुबेदार बिजेंद्र सिंह ठाकरान ने भी पुष्पमाला चढ़ाकर अंतिम श्रद्धांजलि दी।
अंतिम संस्कार के दौरान हरियाणा पुलिस की ओर से एएसआई राजबीर सिंह के नेतृत्व में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। जमालपुर चौकी इंचार्ज अमित ने पुष्पमाला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

जिला प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार मानेसर महेंद्र सिंह ने सरकार की ओर से पुष्पचक्र अर्पित कर सम्मान व्यक्त किया।
समाज के सम्मानित जन भी हुए शामिल
शांति देवी की अंतिम यात्रा में गांव और आसपास के सैकड़ों ग्रामीण जन शामिल हुए।
इस अवसर पर गांव मोकलवास के सरपंच महेश, पूर्व सरपंच रवि, राम निवास, ब्रह्म प्रकाश, ब्लॉक समिति सदस्य नीरज, धर्म सिंह, राज कुमार, जोगा राम, प्रताप सिंह आदि अनेक जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
गांव मोकलवास आज उस नारी शक्ति को विदा कर रहा था, जो उस सेनानी की संगिनी थी, जिसने देश की आज़ादी के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। शांति देवी जी का जीवन त्याग, सादगी और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक था। उनका जाना न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।