
12 मई 2025, नई दिल्ली,रेवाड़ी । स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आज एक सशक्त बयान जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे पाकिस्तान के विरुद्ध आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाएं और इस सैन्य कार्रवाई की पूरी जानकारी संसद और देश को दें।
विद्रोही ने इस मांग को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे की लोकतांत्रिक मांगों के समर्थन में उठाया है। उन्होंने कहा कि अब तक केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर दो सर्वदलीय बैठकें तो बुलाईं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने उनमें भाग नहीं लेकर लोकतांत्रिक जिम्मेदारियों से दूरी बना ली है, जो एक चिंताजनक संकेत है।
“प्रधानमंत्री मोदी को यह नहीं भूलना चाहिए कि वे देश के शासक नहीं, लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए जनप्रतिनिधि हैं। लोकतंत्र में प्रधानमंत्री की जवाबदेही संसद और जनता—दोनों के प्रति होती है,” विद्रोही ने तीखे शब्दों में कहा।
उन्होंने कहा कि जब देश की सुरक्षा, युद्ध विराम और आतंकवाद जैसे गंभीर विषयों पर चर्चा हो रही हो, तो यह अनिवार्य हो जाता है कि प्रधानमंत्री स्वयं आगे आकर जवाब दें, ताकि देश के नागरिकों और विपक्ष के मन में कोई शंका न रहे।
विद्रोही ने यह भी सवाल उठाया कि भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम की जानकारी भारत सरकार की बजाय सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अमेरिकी विदेश मंत्री द्वारा दुनिया को क्यों दी गई? उन्होंने इसे शिमला समझौते और भारत की विदेश नीति के सिद्धांतों का उल्लंघन बताया।
“भारत हमेशा से तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को नकारता रहा है। लेकिन मोदी सरकार ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से ट्रम्प को भारत-पाक मुद्दों पर मध्यस्थ के रूप में पेश कर दिया, जो न सिर्फ भारत की विदेश नीति के लिए खतरा है, बल्कि राष्ट्रीय स्वाभिमान के भी विपरीत है,” विद्रोही ने स्पष्ट कहा।
उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री मोदी न केवल संसद का विशेष सत्र बुलाएं, बल्कि उसमें ऑपरेशन सिन्दूर, पहलगाम आतंकी हमला, और सीजफायर जैसे मुद्दों पर विपक्ष और जनता के सभी सवालों के स्पष्ट व तथ्यपूर्ण उत्तर दें।
यह वक्त है कि सरकार पारदर्शिता के साथ लोकतंत्र की मर्यादाओं का पालन करे और देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों में राजनीति से ऊपर उठकर जवाबदेही निभाए।