पाकिस्तान के नूरखान एयर बेस पर विस्फोट ने मामला पलटाया-परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का डर सताया- ट्रंप प्रशासन बीच में आया
अमेरिका नूरखान एयरबेस पर मिसाइल अटैक से तुरंत हरकत में आया-भारत ने रणनीतिक बौद्धिक क्षमता दिखाया- सीज़फायर मानकर परमाणु तबाही से बचाया
– एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष ने वैश्विक राजनीति और कूटनीति को हिला कर रख दिया है। 7 से 10 मई 2025 के बीच जारी मिसाइल, ड्रोन और फाइटर जेट्स की मुठभेड़ के बाद, भारत ने एक निर्णायक हमला कर पाकिस्तान के नूरखान एयरबेस को ध्वस्त किया। इस हमले से न केवल पाकिस्तान बल्कि अमेरिका जैसे महाशक्तिशाली देश को भी परमाणु युद्ध की आशंका सताने लगी। अंततः अमेरिकी हस्तक्षेप के बाद 10 मई की शाम को दोनों देशों ने आपसी सहमति से युद्धविराम (सीज़फायर) की घोषणा की।
नूरखान एयरबेस पर हमले ने बदली वैश्विक कूटनीति
भारत द्वारा किए गए मिसाइल हमले में पाकिस्तान का नूरखान एयरबेस गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। यह एयरबेस इस्लामाबाद से केवल 10–15 किलोमीटर की दूरी पर है और पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम की रणनीतिक योजना इकाई ‘स्ट्रैटेजिक प्लान डिवीजन’ के निकट स्थित है। हमले से यह स्पष्ट संदेश गया कि भारत के पास पाकिस्तान के परमाणु नियंत्रण प्रणाली को खत्म करने की क्षमता है।
इस हमले के बाद पाकिस्तान ने परमाणु हथियारों के उपयोग पर विचार करने के लिए नेशनल कमांड अथॉरिटी की बैठक बुला ली थी, जिससे परमाणु युद्ध की संभावनाएं और गहराने लगीं। इसी डर से अमेरिका, जो अब तक इस संघर्ष में निरपेक्ष बना हुआ था, अचानक सक्रिय हो गया।
अमेरिकी हस्तक्षेप और त्वरित सीज़फायर

सूत्रों के अनुसार, अमेरिका को 10 मई की सुबह एक खतरनाक खुफिया जानकारी प्राप्त हुई। इसके तुरंत बाद, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेंडी वेंस ने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के शीर्ष नेताओं से बात की। इस पहल के परिणामस्वरूप, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्विटर के माध्यम से युद्धविराम की घोषणा की, जिसे पाकिस्तान और अंततः भारत ने भी स्वीकार किया।
हालांकि भारत ने अमेरिकी मध्यस्थता की भूमिका को सार्वजनिक रूप से नकारा और कहा कि यह एक “सीधा आपसी समझौता” था, फिर भी अमेरिका ने इस हस्तक्षेप को अपनी कूटनीतिक जीत बताया।
आईएमएफ ने पाकिस्तान को दिया राहत पैकेज

इसी बीच, 10 मई को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को 2.3 अरब डॉलर के राहत पैकेज की मंजूरी दी, जिसमें से 1 अरब डॉलर तत्काल जारी करने की घोषणा की गई। विश्लेषकों के अनुसार, सीज़फायर और अमेरिका के हस्तक्षेप ने इस आर्थिक सहायता की मंजूरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पाकिस्तान की फिर हरकत, भारत का कड़ा रुख
सीज़फायर के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने कश्मीर में वैष्णो देवी मंदिर के पास ड्रोन हमला कर दिया, जिसे भारत ने सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया। इसके बाद भारत ने स्पष्ट कर दिया कि भविष्य में किसी भी आतंकी हमले को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और जवाब पहले से भी अधिक कठोर होगा।

ड्रोन युद्ध, मिसाइल हमले और सैन्य संदेश
7 से 10 मई तक चले इस संघर्ष में पाकिस्तान ने भारत के 26 से अधिक शहरों पर करीब 300–400 ड्रोन हमले किए। भारत ने अपनी एंटी-ड्रोन प्रणाली से इन हमलों को निष्फल कर दिया। इसके बाद, भारत ने शुक्रवार को निर्णायक हमला कर पाकिस्तान के कई एयरबेस तबाह कर दिए।
इस पूरे घटनाक्रम में भारत ने अपनी रणनीतिक और बौद्धिक सैन्य क्षमता का ऐसा प्रदर्शन किया कि अमेरिका जैसे देश को भी सीज़फायर की पहल करनी पड़ी। भारत ने बिना परमाणु हथियार का प्रयोग किए पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली को हिला कर रख दिया।
निष्कर्ष
यह पूरा घटनाक्रम दर्शाता है कि भारत की सैन्य नीति और रणनीतिक क्षमता ने विश्व को अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। अमेरिका जैसे शक्तिशाली राष्ट्र को परमाणु युद्ध की संभावना से घबराकर मध्यस्थता करनी पड़ी। वहीं IMF द्वारा पाकिस्तान को आर्थिक सहायता की स्वीकृति भी इस कूटनीतिक बदलाव का ही हिस्सा मानी जा सकती है।
-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र