नई दिल्ली, रेवाड़ी, 17 मई 2025। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने भारतीय सेना की वीरता और उसके शौर्य का राजनीतिकरण करने का गंभीर आरोप भारतीय जनता पार्टी पर लगाया है। उन्होंने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंक के अड्डों को ध्वस्त कर जो अभूतपूर्व साहस और पराक्रम दिखाया है, उस पर समूचे देश को गर्व है। परन्तु भाजपा इस सैन्य विजय को अपने राजनीतिक फायदे के लिए भुनाने का कुप्रयास कर रही है — जो न केवल सेना का अपमान है बल्कि देश की एकता के लिए भी घातक है।

विद्रोही ने कहा कि सेना के शौर्य को लेकर भाजपा द्वारा निकाली जा रही कथित “तिरंगा यात्रा” असल में एक राजनीतिक यात्रा है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रवाद के नाम पर वोट बटोरना है। उन्होंने तीखे शब्दों में कहा, “भाजपा सत्ता के नशे में सेना जैसे राष्ट्रीय संस्थान का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में कर रही है। यह सरासर सेना के गौरव के साथ अन्याय है।”

उन्होंने आगाह किया कि यदि सेना के पराक्रम को राजनीतिक एजेंडे में घसीटा गया, तो इससे ,और आतंकवाद के खिलाफ बनी राष्ट्रीय एकता की भावना को आघात पहुंचेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि “सेना के शौर्य का श्रेय किसी राजनीतिक दल को नहीं, बल्कि उन वीर जवानों को जाता है जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना देश के लिए यह मिशन पूरा किया।”

सेना अधिकारियों का अपमान: सुनियोजित साजिश

विद्रोही ने भाजपा नेताओं पर सेना के उच्चाधिकारियों और विशेष रूप से महिला सैन्य अधिकारियों का धर्म के आधार पर अपमान करने का भी गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह द्वारा सेना की जांबाज महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी का धर्म आधारित अपमान और फिर राज्य के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा का यह कहना कि “आज की सेना मोदी जी के चरणों में नतमस्तक है,” — यह भारतीय सेना का घोर अपमान है।

उन्होंने कहा, “भाजपा नेता सेना की मर्यादा को अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए रौंद रहे हैं। एक ओर वे सेना के नाम पर वोट मांगते हैं, दूसरी ओर उन्हीं जवानों का अपमान करते हैं जो देश की सीमाओं की रक्षा में तैनात हैं।”

सीजफायर में ट्रम्प की भूमिका से ध्यान भटकाने की साजिश

विद्रोही ने यह भी कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर में अमेरिका और तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की कथित भूमिका को लेकर उठे सवालों से ध्यान हटाने के लिए मोदी सरकार यह तमाशा कर रही है। “पहलगाम हमले में खुफिया तंत्र की विफलता और ट्रम्प के दावों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा इस प्रकार के ड्रामे करवा रही है,” उन्होंने आरोप लगाया।

भाजपा-संघ की नीति: राष्ट्रहित नहीं, सत्ता की भूख

अंत में विद्रोही ने दो-टूक शब्दों में कहा कि “मोदी-भाजपा-संघ की नीति सेना विरोधी और राष्ट्रविरोधी है। यह केवल सत्ता की भूख है, जिसमें देश की संस्थाओं की गरिमा भी कुचली जा रही है। कोई भी स्वाभिमानी और राष्ट्रभक्त नागरिक ऐसे कृत्य को स्वीकार नहीं कर सकता।”

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