यूरोपीय यूनियन के देशों से खाड़ी देशों तक…7 दल 59 हस्तियां..दुनियाँ में बेनकाब करेगी पाक की आतंकवाद पर नीति
पूरी दुनियाँ में आतंकवाद पर भारत का पक्ष रखने 7 सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडलों को भेज़ना भारत की पारंपरिक ज़बरदस्त रणनीति लाज़वाब है
-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं

गोंदिया: वैश्विक मंचों पर भारत की सशक्त रणनीति और बौद्धिक प्रभाव को और मजबूती देने हेतु केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ एक नई और प्रभावशाली पहल की है। भारत के सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के विभिन्न देशों का दौरा करेंगे, जहां वे आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का पक्ष मजबूती से रखेंगे और पाकिस्तान की दोहरी नीतियों को बेनकाब करेंगे। इस प्रयास को “ऑपरेशन सच्चाई” का नाम दिया गया है।
भारत की रणनीति: सर्जिकल स्ट्राइक से ‘ऑपरेशन सच्चाई’ तक
हाल ही में सम्पन्न हुए “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत भारत ने सशस्त्र कार्रवाई कर आतंक के अड्डों पर सीधा प्रहार किया। वहीं, अब भारत ने एक अलग रणनीति के तहत कूटनीतिक मोर्चे पर ‘ऑपरेशन सच्चाई’ शुरू किया है, जिसके तहत 59 सांसद और प्रतिनिधि, जिनमें लगभग सभी प्रमुख दलों के नेता शामिल हैं, दुनिया भर में जाकर भारत का पक्ष रखेंगे।
सात दल, सात क्षेत्रीय मिशनप्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में 7-8 सांसद और राजनयिक शामिल हैं। ये दल यूरोप, खाड़ी, अफ्रीका, अमेरिका, एशिया और अन्य महाद्वीपों के देशों में जाकर संवाद और सम्मेलन करेंगे।
प्रतिनिधिमंडलों की संरचना इस प्रकार है:

बैजयंत पांडा के नेतृत्व में: सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया।
- सदस्य: निशिकांत दुबे, असदुद्दीन ओवैसी, रेखा शर्मा, गुलाम नबी आजाद सहित अन्य।
राजनयिक: हर्षवर्धन श्रृंगला। - रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में: यूके, फ्रांस, जर्मनी, इटली, डेनमार्क।
सदस्य: प्रियंका चतुर्वेदी, गुलाम अली खताना, डॉ. अमर सिंह, एमजे अकबर।
राजनयिक: पंकज सरन। - संजय कुमार झा के नेतृत्व में: इंडोनेशिया, मलेशिया, जापान, कोरिया, सिंगापुर।
सदस्य: यूसुफ पठान, सलमान खुर्शीद, बृजलाल, डॉ. जॉन ब्रिटास।
राजनयिक: मोहन कुमार। - श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में: यूएई, लाइबेरिया, कांगो, सिएरा लियोन।
सदस्य: बांसुरी स्वराज, अतुल गर्ग, सस्मित पात्रा।
राजनयिक: सुजन चिनॉय। - शशि थरूर के नेतृत्व में: अमेरिका, ब्राज़ील, पनामा, कोलंबिया।
सदस्य: मिलिंद देवड़ा, तेजस्वी सूर्या, मनीष तिवारी।
राजनयिक: तरनजीत सिंह संधू। - के. कनिमोझी के नेतृत्व में: स्पेन, रूस, ग्रीस, स्लोवेनिया, लातविया।
सदस्य: राजीव राय, प्रेमचंद गुप्ता, ब्रजेश चौटा।
राजनयिक: मंजीव पुरी, जावेद अशरफ। - सुप्रिया सुले के नेतृत्व में: मिस्र, कतर, इथोपिया, दक्षिण अफ्रीका।
सदस्य: अनुराग ठाकुर, राजीव प्रताप रूड़ी, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा।
राजनयिक: सैयद अकबरुद्दीन।

राजनीतिक विवाद भी सतह पर
हालाँकि, इस पहल को लेकर कुछ विपक्षी दलों ने सवाल भी उठाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने प्रतिनिधियों की घोषणा करते समय दलों से पूरी तरह से परामर्श नहीं लिया। खासतौर पर शशि थरूर का नाम कांग्रेस द्वारा न भेजे जाने के बावजूद सूची में होना विवाद का कारण बना। वहीं, समाजवादी पार्टी, जो संसद में दूसरा सबसे बड़ा विपक्षी दल है, को किसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व नहीं दिया गया है।
भारत की कूटनीतिक आक्रामकता का नया अध्याय

यह रणनीति भारत की पारंपरिक लेकिन सशक्त कूटनीति का उदाहरण है, जिसमें हथियार नहीं, विचार और संवाद के माध्यम से आतंक की जड़ों को बेनकाब किया जाएगा। यह पहल इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत अब आतंकवाद के प्रति ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति को वैश्विक पटल पर मजबूती से रखेगा।
निष्कर्ष:
यूरोपीय यूनियन से लेकर खाड़ी देशों तक, भारत के ये सात प्रतिनिधिमंडल विश्व में पाकिस्तान की आतंक समर्थक नीतियों का पर्दाफाश करेंगे और भारत का नज़रिया वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करेंगे। यह पहल न केवल भारत की छवि को सशक्त बनाएगी बल्कि वैश्विक सहयोग को भी मजबूती प्रदान करेगी।
-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र