समझौता….डब्लूएचओ क़े विश्व स्वास्थ्य सभा के 78 वें सत्र 19-27 मई 2025 में भविष्य की महामारियों पर तैयार रहने का ऐतिहासिक समझौता 

वैश्विक स्तरपर मास्क,सेनेंटाइजर की फ़िर आदत डालना, भीड़भाड़ वाली जगहों व किसी भी अपवाह या डर का शिकार न होना सभी के लिए ज़रूरी है

-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं

 वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस (कोविड-19) की भयावहता को पूरी दुनिया अभी तक भुला नहीं पाई है। महामारी के विभिन्न वेरिएंट समय-समय पर सामने आते रहे हैं, और अब मई 2025 में इसकी फिर से आहट ने विश्व को सतर्क कर दिया है। हाल ही में सिंगापुर, हांगकांग, थाईलैंड में संक्रमण की गति चिंता का विषय बनी हुई है। भारत में भी 19 मई 2025 तक 257 मामले सामने आ चुके हैं। इस परिप्रेक्ष्य में जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 78वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है, जिसमें भविष्य की महामारियों से मिलकर लड़ने की वैश्विक प्रतिबद्धता दर्शाई गई है।

भारत में कोविड की वर्तमान स्थिति
भारत में कोविड के नए मामलों की संख्या अभी कम है, परन्तु बढ़ती अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों और वैश्विक ट्रेंड को देखते हुए सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई, जिसमें NCDC, ICMR, डिजास्टर मैनेजमेंट सेल और अन्य विशेषज्ञ शामिल हुए। इस बैठक में बताया गया कि अधिकांश मामले हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता नहीं है।

राज्यों की स्थिति इस प्रकार है:

  • केरल: 69 मामले
  • महाराष्ट्र: 44 मामले
  • तमिलनाडु: 34 मामले
  • कर्नाटक: 8, गुजरात: 6, दिल्ली: 3
  • हरियाणा, राजस्थान, सिक्किम: 1-1 मामला

स्वास्थ्य मंत्रालय की स्पष्ट नीति है कि स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन सतर्कता बेहद आवश्यक है। सरकार का फोकस संक्रमितों की पहचान, ट्रैकिंग, बूस्टर डोज और सार्वजनिक जागरूकता पर है।

वैश्विक परिदृश्य
एशिया के कई देशों में कोविड-19 फिर से पांव पसारने लगा है।

  • सिंगापुर में 28% मामलों की वृद्धि हुई है और अनुमानित केस 14,200 तक पहुंच गए हैं।
  • हॉस्पिटल में भर्ती होने वालों की संख्या 30% तक बढ़ी है।
  • हांगकांग में भी 81 नए मामलों में 30 लोगों की मौत हो चुकी है।
  • थाईलैंड में भी मामलों में वृद्धि देखी गई है।

इन देशों की स्थिति दर्शाती है कि महामारी कहीं समाप्त नहीं हुई है, बल्कि यह समय-समय पर फिर से उभरने का माद्दा रखती है।

डब्ल्यूएचओ का ऐतिहासिक समझौता
19 से 27 मई 2025 तक जिनेवा में आयोजित WHO की 78वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में तीन वर्षों की बातचीत के बाद एक ऐतिहासिक समझौता पारित किया गया। यह समझौता भविष्य की महामारियों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग और समन्वय का मार्ग प्रशस्त करेगा। WHO ने कहा कि इस समझौते का उद्देश्य महामारी के प्रभावों को कम करना, समान स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना और सभी देशों को एकजुट करना है।

प्रधानमंत्री का संबोधन
भारत के प्रधानमंत्री ने 20 जून 2025 को इस सभा को संबोधित करते हुए “स्वास्थ्य के लिए एक विश्व” की अवधारणा पर बल दिया। उन्होंने कहा कि समावेशिता, एकीकृत दृष्टिकोण और तकनीकी नवाचार से ही वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा संभव है। भारत की डिजिटल स्वास्थ्य पहचान प्रणाली और वैक्सीनेशन ट्रैकिंग प्रणाली का उदाहरण देते हुए उन्होंने दुनिया को भारत के डिजिटल हेल्थ मॉडल से अवगत कराया।

निष्कर्ष एवं सुझाव
कोविड-19 की हालिया आहट हमें यह सिखाती है कि सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। विश्व स्तर पर जब देश एकजुट होकर किसी महामारी से लड़ते हैं, तब “एक और एक मिलकर ग्यारह” की शक्ति साकार होती है। ऐसे समय में हम सभी नागरिकों को निम्नलिखित सावधानियां अवश्य बरतनी चाहिए:

  • मास्क और सैनिटाइज़र का पुनः उपयोग शुरू करें
  • भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें
  • अफवाहों पर ध्यान न दें, केवल प्रमाणिक स्रोतों से जानकारी लें
  • बुज़ुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बीमार लोग विशेष सतर्कता बरतें
  • फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं

समापन
कोरोना की वापसी की आशंका को नजरअंदाज करना भारी भूल हो सकती है। अतः देश-विदेश के अनुभवों और WHO के वैश्विक समझौते को ध्यान में रखते हुए, यह समय एकजुट होकर आगे बढ़ने का है।

-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

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