
गुरुग्राम, 25 मई — “बंद कमरे में नहीं, जमीनी हकीकत में दिखे सांसद”, यह आवाज़ आज गुरुग्राम की सड़कों पर फैले जलजमाव और कूड़े की दुर्गंध से त्रस्त नागरिकों की ओर से उठी। दो दिन पहले शहर को जलभराव मुक्त बनाने के लिए सांसद द्वारा MCG और GMDA अधिकारियों के साथ की गई बैठक के दावे आज की मामूली बारिश में ही धराशायी हो गए।

सेक्टर 4 मार्केट, ब्लू बेल्स स्कूल रोड, और धनवापुर रोड जैसे इलाकों में जलभराव और कूड़े के ढेरों पर जमा पानी ने साफ दिखा दिया कि सरकार और प्रशासन के दावे सिर्फ कागज़ों तक सीमित हैं। हर साल मानसून से पहले दावे किए जाते हैं कि “अबकी बार गुरुग्राम को जलग्राम नहीं बनने देंगे”, लेकिन नतीजे हर बार वहीं निकलते हैं – शून्य!
स्थानीय लोगों का कहना है कि सांसद को बंद कमरे में बैठकों की बजाय खुद बारिश के बीच सड़कों पर उतर कर हालात का जायजा लेना चाहिए। जलभराव से उठती दुर्गंध और अव्यवस्थित कूड़ा निस्तारण व्यवस्था लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बनती जा रही है।

स्थानीय पार्षद पर भी सवाल उठ रहे हैं और वे जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर रहे, वहीं स्थानीय विधायक अपने आपको 25 वर्षों के शासन का सपना देख आत्ममुग्धता की स्थिति में हैं। नागरिकों का कहना है कि यह आत्ममुग्धता एक ऐसी बीमारी है जिसका असर आने वाले चुनावों तक रहेगा।
स्थानिय सांसद राव इंद्रजीत अपना प्रभाव इस समय गुरुग्राम की जनता को दिखा सकते हैं और उन्हें चाहिए कि वें अधिकारियों को लेकर जनता की समस्याओं का निवारण करना शुरू करें नहीं तो जनता आपको भी विधायक की तरह खोखले दावों वाला जनप्रतिनिधि मानना शुरू कर देगी I