लेखको ने संदेशपरक लघुकथाओं से किया सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार
गुरुग्राम, 25 मई। “कुछ ऐसा लिखिये जो शेष रह जाए” सहित्यकारों से मुखातिब होते हुए सारगर्भित उदबोधन में ये बात कहीं प्रसिद्ध साहित्यकार चंद्रकांता जी ने जो कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में शोभायमान थी I
अवसर था अहं ब्रह्मास्मि संस्था के तत्वावधान में रविवार 25 मई 2025 को प्रातः 1130 बजे मालाबार, एम. जी. रोड, गुरुग्राम के सभागार में लघुकथा गोष्ठी के आयोजन का I प्रसिद्ध लघुकथाकार मुकेश शर्मा मुख्य अतिथि एवं वरिष्ठ साहित्यकार सुनीति रावत ने अति विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई I साहित्यकार शकुंतला मित्तल एवं सविता स्याल मंच पर विराजमान थीं I
कार्यक्रम का सुव्यवस्थित सधा हुआ संचालन संस्थािपिका अध्यक्ष दीपशिखा श्रीवास्तव ने किया I संस्था के कोषाध्यक्ष नीरज श्रीवास्तव ने आमंत्रित सहित्यकारों को अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया I अंजलि श्रीवास्तव के मधुर कंठ द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना एवं अतिथि गण द्वारा दीप प्रज्जवलन से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ I
मुकेश शर्मा ने कहा, “वर्तमान समय में लेखकों की चुनौती सोशल मीडिया से है I यदि आप का कंटेंट उससे बेहतर होगा तभी आप पाठकों तक पहुँच सकेंगे I” वरिष्ठ साहित्यकार कृष्णलता यादव, सुनीति रावत, सविता स्याल, शकुंतला मित्तल ने लघुकथा विधा पर अपने विचार व्यक्त किये और वर्तमान समय में लघुकथा की महत्ता पर अपनी बात रखी I इसमें गुरुग्राम और फरीदाबाद के लगभग 22 लघुकथाकारों ने अपनी लघुकथा का वाचन किया I मुख्य रूप से मंचासीन अतिथियों सहित घमंडी लाल अग्रवाल, कृष्णा जेमिनी, सरोज गुप्ता, प्रीति मिश्रा, बबिता गर्ग, शन्नो श्रीवास्तव, कृष्णलता यादव, परिणीता सिन्हा, प्रेमलता चौधरी, रेणु मिश्रा, भावना गौड़, डॉ प्रीता पँवार, वीणा अग्रवाल, राजपाल यादव, दीपशिखा श्रीवास्तव, आभा कुलश्रेष्ठ, अनिल श्रीवास्तव ने विविध विषयों पर संदेशपरक लघुकथाओं का वाचन किया I लघुकथा के माध्यम से लेखकों ने जहाँ समाज की विसंगतियों पर प्रहार किया वहीं संवेदना के स्वर भी उभर कर आये I
इस अवसर पर नीरज श्रीवास्तव, अंजु सिंह, लोकेश चौधरी, राजेश्वर वशिष्ठ, राजकुमार गौतम, दिव्या, नीलाक्षी, राहुल सहित कई साहित्य प्रेमी उपस्थित थे I