बिना तय समय के जल आपूर्ति, रातभर जागते हैं लोग, सोशल मीडिया बना जानकारी का सहारा

फतह सिंह उजाला

पटौदी/जाटौली/टोडापुर, 26 मई। पटौदी और हेली मंडी क्षेत्र में जल संकट लगातार गहराता जा रहा है। वर्ष 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा लोकार्पित नहरी जल आपूर्ति परियोजना दम तोड़ती नजर आ रही है। मौजूदा हालात ऐसे हैं कि लोगों को गर्मी में दिन-रात हाथों में बर्तन लेकर पानी का इंतजार करना पड़ रहा है।

समय सारणी का अभाव, सोशल मीडिया बना माध्यम
जलापूर्ति एवं अभियांत्रिकी विभाग की नीतिगत असमंजस और लापरवाही के कारण पानी की आपूर्ति के लिए कोई निश्चित टाइम टेबल नहीं बनाया गया है। आमजन मोबाइल पर बने ‘बिजली-पानी’ नामक सोशल मीडिया ग्रुप के माध्यम से एक-दूसरे को पानी आने की सूचना देते हैं, लेकिन अक्सर सिर्फ यह संदेश मिलता है कि “तकनीकी कारणों से बादली से जल आपूर्ति संभव नहीं है”। विभाग यह नहीं बताता कि ऐसे में वैकल्पिक पानी की व्यवस्था कहां से और कैसे होगी।

ट्यूबवेल चालू करने की मांग, विभाग पर भेदभाव के आरोप
पटौदी और हेली मंडी नगर परिषद क्षेत्र में नहरी जल आपूर्ति को देखते हुए पूर्व में सभी ट्यूबवेल बंद कर दिए गए थे। मगर अब बताया जा रहा है कि कुछ प्रभावशाली क्षेत्रों में विभाग ट्यूबवेल से ही जल आपूर्ति कर रहा है, जिससे आमजन में भारी असंतोष है। स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब कुछ ट्यूबवेल चालू हो सकते हैं तो सभी ट्यूबवेल क्यों नहीं?

इस संदर्भ में परिषद के प्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों की बैठक भी हो चुकी है, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी एक बूंद पानी की राहत नहीं मिल पाई है।

बिजली कटौती और जल संकट से दोहरा संकट
भीषण गर्मी के बीच अघोषित बिजली कटौती ने जल संकट को और विकराल बना दिया है। कई स्थानों पर रातभर लोग जागकर पानी के लिए प्रतीक्षा करते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस नेत्री श्रीमती पर्ल चौधरी ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “पाकिस्तान जाने वाला पानी तो रोका जा रहा है, लेकिन अपने नागरिकों को पानी देना भी सरकार भूल चुकी है।”

उन्होंने कहा कि पटौदी की विधायक विमला चौधरी को इस संकट के समाधान के लिए जनता के बीच आकर जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों से तुरंत बात करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि पटौदी के एसडीएम श्री दिनेश लुहाच से उन्होंने इस विषय में बातचीत की है, जिन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही पर्याप्त जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी और तकनीकी समस्याओं का समाधान कर लिया गया है।

समाधान क्या है?
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों की मांग है कि तत्काल प्रभाव से सभी बंद किए गए ट्यूबवेल चालू किए जाएं, जल आपूर्ति का टाइम टेबल निर्धारित किया जाए, और जरूरतमंद क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से वैकल्पिक जल व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

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