गांव जसात, दौलताबाद और सिवाड़ी में बनेंगे 33/66 केवी के पावर हाउस, अनिल विज ने दिया आश्वासन

पटौदी, 29 मई। पटौदी के पूर्व विधायक और भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता अपने गृह क्षेत्र की बिजली समस्याओं के समाधान को लेकर एक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में उन्होंने हरियाणा के बिजली मंत्री अनिल विज से मुलाकात कर पटौदी विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित तीन नए पावर हाउस के निर्माण कार्य को शीघ्र प्रारंभ कराने की मांग की।
यह पावर हाउस गांव जसात (उपमंडल जाटौली मंडी), सिवाड़ी (फर्रुखनगर उपमंडल) और दौलताबाद (पटौदी उपमंडल) में 33 केवी/66 केवी की क्षमता के साथ बनाए जाने हैं। पूर्व विधायक जरावता के अनुसार, इनमें से दो के टेंडर लग चुके हैं और एक पर काम जारी है।
बढ़ती खपत, बढ़ती ज़रूरत—but सवाल भी उतने ही प्रासंगिक
पटौदी क्षेत्र में आबादी, आवासीय विस्तार और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी के चलते बिजली की मांग में इजाफा होना स्वाभाविक है। लेकिन इस बढ़ती ज़रूरत को लेकर जो सवाल अब उठते हैं, वे पूर्व विधायक के पांच साल के कार्यकाल (2019–2024) पर भी उतना ही प्रकाश डालते हैं।
क्या यह सवाल वाजिब नहीं कि जब वे खुद क्षेत्र के विधायक थे, तब बिजली आपूर्ति के स्थायी समाधान के लिए कितनी बार उन्होंने विधानसभा में आवाज उठाई?
क्या इन तीन पावर हाउस की मांग उन्होंने उस समय भी उतनी ही मुखरता से उठाई थी, जितनी अब दिख रही है?
वर्तमान विधायक की चुप्पी, पूर्व विधायक की भागदौड़?
अब जबकि सत्य प्रकाश जरावता विधायक नहीं हैं, क्या यह भाजपा संगठन के एक कार्यकर्ता के तौर पर वर्तमान विधायक के माध्यम से इस मुद्दे को आगे बढ़ाने का विषय नहीं था?
क्या यह राजनीतिक प्रतिस्पर्धा है या क्षेत्रीय हित में व्यक्तिगत पहल?
इन सवालों के बीच यह भी ध्यान देने योग्य है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पिछले वर्ष 10 अगस्त को विजय संकल्प रैली के मंच से इन पावर हाउस की घोषणा की थी। यह घोषणा अब तक ज़मीन पर उतरती नजर नहीं आई, और निर्माण कार्य की दिशा में अनिश्चितता बनी हुई है।
बिजली मंत्री का आश्वासन, जनता को इंतज़ार
पूर्व विधायक जरावता के अनुसार, बिजली मंत्री अनिल विज ने उन्हें आश्वस्त किया है कि इन तीनों स्थानों पर पावर हाउस का कार्य शीघ्र शुरू होगा। उन्होंने कहा कि इनकी स्थापना से ग्रामीण अंचल में बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता में सुधार होगा और घरेलू व औद्योगिक उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
जनता के लिए जरूरी है जवाबदेही
पटौदी की जनता बिजली संकट से जूझती रही है। अब सवाल यह है कि राजनीतिक नेतृत्व—वर्तमान या पूर्व—जनता को सिर्फ घोषणाएं देगा या परिणाम भी?
और क्या आज जो प्रयास हो रहे हैं, वे समय रहते विधायक रहते ही हो जाते, तो आज स्थिति कुछ और होती?