जेल में बैठे बाबाओं के दम पर जन्मोत्सव मनाना पाप के समान है – नवीन जयहिन्द

रोहतक (31 मई) / जयहिन्द शनिवार 31 मई को प्रेसवार्ता कर बताया कि पहरावर की जमीन पर दो भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाए गए एक 25 मई को क्रांतिकारियों व फरसाधारियों द्वारा मनाया गया और दूसरा सरकारी मनाया गया। लोगो ने दोनों जन्मोत्सव देखे। जयहिन्द ने बताया कि कल सुबह 6 बजे ही एक बस भरकर पुलिसकर्मी मेरे बीपीएल आवास पहुंच गए और मुझे हाउस अरेस्ट कर लिया था, ताकि जयहिन्द सरकारी जन्मोत्सव में न पहुंच पाए। इस पर जयहिन्द ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मुझे किसके कहने पर हाउस अरेस्ट किया गया? क्योंकि ऐसा नहीं हो सकता कि भगवान परशुराम जी के कार्यक्रम में जयहिन्द विघ्न डाले। यहां तक कि मुख्यमंत्री जी भी इशारों ही इशारों में यह कहते नजर आए कि पहरावर जमीन का श्रेय लेने की किसी को जरूरत नहीं है सबको सब पता है।
बताया जा रहा है कि जो घोषणाएं मुख्यमंत्री जी को करके जानी थी वह नहीं की, मुख्यमंत्री जी बहुत नाराज होकर गए है। मुख्यमंत्री जी मैचिंग ग्रांट के इक्यावन लाख रुपए देने की घोषणा करके गए है इस पर जयहिन्द ने कहा कि पूरे कार्यक्रम में तो पांच करोड़ रुपए खर्च हुए है तो इक्यावन लाख का क्या मतलब है। जयहिन्द ने मैचिंग ग्रांट का मतलब समझते हुए कहा जब मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर जी थे तो मेरी उनसे मुलाकात हुई थी, उन्होंने मुझसे कहा था गौड़ ब्राह्मण संस्था की ग्रांट के लिए जयहिन्द दस करोड़ रुपए इक्कठे कर ले और ग्यारह करोड़ मै देदूंगा। उस समय मनीष ग्रोवर, जेपी दलाल, उस समय के डीसी व एसपी भी वहां मौजूद थे।

संस्था के पांच करोड़ रुपए देने की बात सुनने में आ रही है, जयहिन्द ने कहा कि समाज ने विधायक, सांसद, मंत्री तुझे बनाया है तो जिम्मेदारी तुम्हारी बनती है संस्था में रूपए देने की ओर तुम हो के संस्था के पैसे ही देने की बात कर रहे हो। क्या एक–एक करोड़ रुपए विधायक, सांसद, व मंत्री नहीं दे सकते। ये लोग सोचते है कि लोगो का भाषणों से पेट भर दो, लोगो को पागल बना दो। लेकिन जब तक जयहिन्द जिंदा है लोगो के साथ ऐसा नहीं होने देगा।
एक घोषणा मंत्री जी द्वारा भी की गई जिसमें वे पहरावर की जमीन को पहरावर धाम घोषित कर रहे है। हम उनको बता दें पिछले तीन सालों से वह पहरावर परशुराम धाम घोषित है। लगता है मंत्री जी नींद में थे, क्या मंत्री जो को वहां स्थापित भोलेनाथ का त्रिशूल व परशुराम का फरसा नहीं दिखा।उन्हें नहीं दिखा होगा लेकिन लोगो ने वहां पहुंच कर भगवान भोलेनाथ व परशुराम जी का आशीर्वाद जरूर लिया है। फरसाधारियों की वजह से ही आज पूरी दुनिया पहरावर को जान रही है।
लेकिन लोगो ने बताया जो 30 मई को जन्मोत्सव मनाया गया जितना उसके बारे में बताया जा रहा था उसमें ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। बड़ी अजीबो गरीब वीडियो सामने आई है। ऐसा लग रहा है मानो पहरावर धाम को बाबा धाम बनाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि ऐसा हम नहीं होने देंगे। जेल में बंद बाबाओं को डराकर उनके अनुयायियों को जन्मोत्सव में बुलाया गया। बताया जा रहा है कि एक बाबा के बेटे से मिला गया और एक बाबा की बेटी से मिला गया। इस पर जयहिन्द ने कहा कि क्या भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाने के लिए बाबाओं की जरूरत पड़ेगी ब्राह्मणों को, क्या ब्राह्मण इतने कमजोर है? जन्मोत्सव में भाड़े की भीड़ बुलाने का क्या मतलब है? अगर 36 बिरादरी नहीं बुलाई गई तो 36 बाबाओं को बुला लेते, मदद सिर्फ दो बाबा से ही क्यों?
जिस तरह से हरियाणा रोडवेज की बसें दो आश्रमों में लोगो को लेने गई थी, हमें लगता इस काम से भगवान परशुराम बहुत नाराज हुए होंगे। भगवान परशुराम के भक्त कमजोर नहीं है और यह हमने 25 मई को पहरावर में दिखा दिया।
जयहिन्द ने पत्रकार साथियों से कहा कि जब भी मंत्री जी यहां आए तो उनसे जरूर पूछना की क्या जन्मोत्सव में भीड़ बाबाओं के अनुयायियों की नहीं थी। यहां तक कि एक वीडियो में मंत्री जी पुलिसकर्मियों को भंडारा रुकवाने के आदेश देते दिख रहे है। क्या भंडारा शुरू होने के बात रुकवाया जाता है?
जयहिन्द ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या जो वीडियो सामने आ रही है जैसे कि मुख्यमंत्री साहब खाली कुर्सियों को भाषण दे रहे है, लोग वहां दारू पी रहे है, दिहाड़ी पर आए है ऐसी बात कर रहे है, जिन हरियाणा रोडवेज की बसों में श्रद्धालु आए उन बसों पर जेल में बंद बाबाओं की तस्वीरें लगी हुई थी क्या ये वीडियो सच है या झूठ? अगर ये सब सच है तो इस जन्मोत्सव का श्रेय देल में बैठे बाबाओं को जाता है।
जयहिन्द ने कहा कि जो लोग मुझे गालियां देने पर इतना जोर लगा रहे थे अगर वें जन्मोत्सव को सफल बनाने पर लगते तो ज्यादा अच्छा होता। मैं कुछ भी नहीं हूं और खुद मंत्री जी तो चार बार के सांसद है। हम तो सिर्फ सामाजिक लड़ाई लड़ रहे है।
जयहिन्द ने कुछ नाम गिनवाते हुए कहा कि यह उन लोगों के नामों की लिस्ट है जो वहां पहुंचने थे। जैसे एमपी से उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला जी, अरविंद शर्मा जी, अनिल विज जी, राव नरबीर सिंह जी, कृष्णलाल पंवार जी, विपुल गोयल जी, महिपाल ढांडा जी, श्रुति चौधरी जी, श्याम सिंह राणा जी, आरती राव जी, रणवीर गंगवा जी, कृष्णा बेदी जी, राजेश नागर जी, गौरव गौतम जी, सतीश शर्मा जी, महेश शर्मा जी, कार्तिकेय शर्मा जी, रेखा शर्मा जी, मनोज तिवारी जी, इनमें से कितने लोग वहां पहुंचे यह सब अपने देख ही लिए होंगे। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि ये लोग आए या नहीं आए, महत्व पुराण यह है कि समाज को इससे मिला क्या।