पटौदी जाटोली मंडी परिषद के अधिकांश पार्षद बैठक से गायब
पाटोदी जिला के समर्थन के लिए जाटोली मंडी समर्थन प्रस्ताव महत्वपूर्ण
पाटोदी पंचायत समिति भी आज की बैठक से पूरी तरह नदारद
फतह सिंह उजाला
पटौदी । किसी सरकारी संस्थान का नाम बदलना हो, गांव या शहर का नाम बदलना हो या फिर जनहित में जन सुविधाओं के लिए सरकार से मांग की जानी हो। ऐसे कार्यों के लिए पंचायत, पालिका, परिषद, जिला परिषद, निगम हाउस में सर्वसम्मति से पास किए गए प्रस्ताव महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इनका एक अलग ही महत्व भी है।
शनिवार को पटौदी को जिला बनाए जाने के मुद्दे को लेकर बुलाई गई बैठक में पटौदी के जिला के समर्थन के लिए मांग पत्र और डिमांड लेटर के द्वारा पैरवी करने वाले मौजूदा विधायक और पूर्व विधायक ही नहीं पहुंचे ? यह अपने आप में सवाल और अबूझ पहेली ही कहा जाएगा ? पूर्व विधायक सत्य प्रकाश और मौजूदा विधायक विमला चौधरी के द्वारा हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, जिला निर्माण कमेटी के अध्यक्ष किशनलाल पवार, कमेटी के सदस्य, जिला उपयुक्त, जहां भी संभव हुआ ज्ञापन और डिमांड लेटर दिए जा चुके हैं। इन्हीं नेताओं के मुताबिक सभी स्थानों से यह सभी वरिष्ठ नेताओं के द्वारा सकारात्मक समर्थन भी इस मुद्दे पर दिया गया। लेकिन सवाल यह है कि जब इतना अधिक समर्थन सत्ता पक्ष के द्वारा मिल रहा है ? तो फिर पटौदी को जिला बनाने की फाइल पर धूल पर धूल क्यों फाक रही है ?
अब पटौदी जाटोली मंडी नगर परिषद की सरकार पूरी तरह से सक्रिय है । सवाल यह है कि पटौदी जाटोली मंडी परिषद हाउस की बैठक में अभी तक पटौदी को जिला बनाए जाने के समर्थन में सर्व समिति से प्रस्ताव पास क्यों नहीं किया जा सका? चुनाव से पहले चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के द्वारा डंके की चोट पर कहा गया हाउस की पहली बैठक में ही पटौदी को जिला बनाने का प्रस्ताव पास करवाया जाएगा ? लगता है जिस प्रकार से लोगों में भाजपा के वादे और दावों पर चुटकी ली जाती है कि यह जुमला है । शायद परिषद का चुनाव लड़ने से पहले दावेदारों के द्वारा भी जुमलेबाजी ही की गई। पटौदी और हेली मंडी नगर पालिका रहते हुए जनहित की मांगों को पूरा करवाई जाने के लिए दोनों हाउस में कई बार प्रस्ताव पास कर सरकार को भेजे गए और उन पर अमल भी हुआ। दूसरी तरफ मानेसर नगर निगम हाउस में पटौदी को जिला बनाए जाने का प्रस्ताव पास किया जाने की कोई संभावना दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती है । कथित रूप से मानेसर को अलग से जिला बनाए जाने की कसरत वहां के स्थानीय प्रबुद्ध और प्रभावशाली लोगों के द्वारा अभी भी जारी है। इसी कड़ी में पाटोदी पंचायत समिति के अध्यक्ष और सदस्यों की दूरी या बैठक में गैर मौजूदगी भी अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है।
शनिवार की बैठक में पटौदी जाटोली मंडी परिषद के चेयरमैन प्रवीण ठाकरिया के अलावा अधिकांश पार्षद गायब ही रहे । यहां बैठक में राकेश कुमार बब्बल और पार्षद प्रतिनिधि कर्मवीर विशेष रूप से उपस्थित रहे। सवाल यह है कि अन्य पार्षद के द्वारा बैठक में आना और पटौदी को जिला का समर्थन देना जरूरी क्यों नहीं समझा गया? पटौदी जाटोली मंडी परिषद में अभी वाइस चेयरमैन का चुनाव नहीं हो सका है। जब-जब भी कोई ऐसा मौका पड़ता है, शक्ति प्रदर्शन करना हो, तो वाइस चेयरमैन पद के दावेदार पार्षद अपने अपने समर्थकों के साथ राजनीतिक आका के दरबार में हाजिरी लगाने में बिल्कुल भी पीछे नहीं रहते । क्या निकट भविष्य में पटौदी जाटोली मंडी परिषद हाउस की बैठक बुलाकर पटौदी को जिला बनाने का प्रस्ताव पास कर पाटोदी जिला की पैरवी के लिए सरकार के समक्ष भेजा जा सकेगा ? यह अपने आप में अभी भी सवाल ही बना हुआ है।