कल्पवास साधना में 25 जनवरी को लिया गया निस्वार्थ दृढ़ संकल्प
कल्पवास साधना में 25 जनवरी की उनकी दहाड़ कि अभी भी गूंज
एक बार फिर डंके की चोट पर बोले अपने संकल्प पर अटल और अडिग
फतह सिंह उजाला
पटौदी । हरियाणा प्रदेश में नए जिलों की कड़ी में गुरुग्राम जिला में मानेसर और पटौदी को जिला बनाए जाने की चर्चा के बीच मानेसर का नाम अधिक गर्म रहा। ऐसा क्यों और किस वजह से हुआ यह बहस का विषय हो सकता है? यह सब एक्सरसाइज पूर्व सीएम और मौजूदा केंद्र में मंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल के दौरान हुई । पटौदी क्षेत्र की मांग और जन भावना के साथ-साथ हक के मुद्दे को लेकर पटौदी रामलीला मैदान में महामंडलेश्वर धर्मदेव महाराज ने डंके की चोट पर ऐलान किया हरियाणा प्रदेश में नए जिले बनेंगे तो सबसे पहले पाटोदी जिला का नाम ही होगा । चुनाव आए गए पाटोदी जिला की चर्चा और मुद्दा कभी गरम और कभी ठंडा होता रहा।
भाजपा की हैट्रिक वाली सरकार का नेतृत्व कर रहे सीएम सैनी के कार्यकाल में एक बार फिर से हरियाणा प्रदेश में नए जिले बने की मशक्कत और कसरत का काम हो रहा है। नए जिलों का गठन के लिए चार मंत्रियों की एक कमेटी भी बनाई गई है। इसी कमेटी के पास पटौदी को जिला बनाए जाने का प्रस्ताव पहुंचाया गया । दूसरी तरफ पॉलिटिकल पार्टियों जनप्रतिनिधियों व प्रशासन को भी डिमांड दी गई । कई बार बैठक पंचायत भी हो चुकी है, लेकिन परिणाम वही 9 दिन चले ढाई कोस ही सामने आ रहा है।
वर्ष 2025 में ही अपनी कल्पवाथ साधना के दौरान 25 जनवरी को महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव के द्वारा पटौदी को जिला बनाए जाने के लिए भीष्म प्रतिज्ञा रूपी संकल्प किया गया। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा मेरा आधार कार्ड पटौदी का है। पटौदी मेरी कर्मभूमि है । मेरे मातृभूमि है, गुरुओं और मेरे पूर्वजों की कर्मस्थली और धर्मस्थली है । पटौदी को जिला बनाया जाना या इसकी मांग पूरी तरह से जायज है। उन्होंने बेबाक शब्दों में कहा सरकार किसी भी पार्टी की हो सरकारी आती जाती रहती हैं । लेकिन हमें अपने हक की और आवाज उठाने का पूरा अधिकार है । उन्होंने भीष्म प्रतिज्ञा की तरह मंच के माध्यम से सार्वजनिक ऐलान किया, पटौदी को जिला बनाए जाने के लिए जरूरत पड़ी तो आमरण अनशन भी किया जाएगा। महामंडलेश्वर धर्मदेव महाराज के द्वारा कल्पव वस्त्र साधना के दौरान संकल्प के साथ कह गए शब्द आज भी वातावरण में गूंज रहे हैं। धर्मदेव महाराज का यही संकल्प आज पाटोदी जिला निर्माण कमेटी के लिए एक ऐसा संबल बना हुआ है। जो कि चुने हुए जनप्रतिनिधि इस प्रकार के संबल को देने में पूरी तरह से असक्षम दिखाई दे रहे हैं।
शनिवार को पटोदी जिला निर्माण कमेटी की बैठक में वक्ताओं के द्वारा महामंडलेश्वर धर्मदेव महाराज को निशाने पर लेने के बाद उन्होंने अपना जवाब देते हुए फिर से कहा, मैं अपने संकल्प और घोषणा पर पूरी तरह से अडिग हूं । किसी भी साधु, सन्यासी, संत -महात्मा, ऋषि, मुनि के लिए कल्पवास साधना बेहद कठिन साधना का समय संकल्प की सिद्धि के लिए ही होता है । कल्पवास साधना की व्याख्या, “प्राण जाए वचन न जाए” इस प्रकार से भी की जा सकती है । साधु , संत , तपस्वी, ऋषि, मुनि, सन्यासी, कल्पवास साधना के दौरान किए गए संकल्प से पीछे नहीं हटते हैं । यहां यह बात कहने में कोई झिझक नहीं है कि भविष्य में पटोदी जिला बनने पर महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज का संकल्प सिद्धि ही बनेगा। अब देखना यह है पटोदी जिला के लिए लक्ष्य तय करके मछली की आंख पर ही ध्यान रखा जाएगा ? या फिर जो कुछ अब तक डिमांड लेटर ज्ञापन सपना यहां से वहां राज दरबार में हाजिरी लगाना । इसी काम को ही प्राथमिकता दी जाती रहेगी।