ऑपरेशन स्पाइडर वेब (मकड़ी का जाल) को सफ़ल अंजाम देने से पूरा विश्व हैरान-18 महीनों का प्लान 117 ड्रोन,41 बम्बर्स जेट तबाह

वैश्विक स्तरपर अब मिलिट्री संघर्ष का आधार ड्रोन वार होनें की संभावना-यूक्रेन के ऑपरेशन स्पाइडर वेब से दुनिया सतर्क 

यूक्रेन द्वारा रूस में 4 हज़ार कि:मी अंदर तस्करी से घुसकर 117 ड्रोन ऑपरेटर सहित एयरबेसो के पास पहुंच जाकर 41 बमबर्स जेट को उड़ाया भारी सुरक्षा चूक -विश्व को हाई अलर्ट पर सुरक्षा संज्ञान लेना ज़रूरी

– एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी

गोंदिया महाराष्ट्र- वैश्विक स्तरपर पूरी दुनिया ने 1 जून 2025 को विश्व ने एक ऐसे सैन्य ऑपरेशन की गूंज सुनी, जिसने न केवल रूस जैसे सैन्य महाशक्ति को झकझोर दिया, बल्कि वैश्विक सामरिक सोच को भी चुनौती दी। यूक्रेन ने “ऑपरेशन स्पाइडर वेब” नाम से एक अभूतपूर्व ड्रोन हमला अंजाम दिया, जिसमें रूस की सीमा के भीतर 4000 किलोमीटर अंदर घुसकर पांच एयरबेस पर हमला किया गया। इस ऑपरेशन में 117 ड्रोन और समान संख्या में ऑपरेटरों की मदद से 41 बमबर्स जेट को नष्ट किया गया।

ऑपरेशन स्पाइडर वेब: क्या हुआ?

यूक्रेन ने एक अत्यंत ही जटिल और गुप्त योजना के अंतर्गत रूस के चार प्रमुख एयरबेस पर हमला किया:

ओलेन्या एयरबेस (यूक्रेन सीमा से 1800 किमी दूर)

इवानावो एयरबेस (1000 किमी दूर)

डिगिलेव एयरबेस (500 किमी दूर)

बेलाया एयरबेस (4300 किमी दूर)

इस अभियान में कुल 117 ड्रोन का प्रयोग किया गया, जो लकड़ी के ढांचों में छिपाकर तस्करी के माध्यम से रूस के भीतर पहुंचाए गए। इन ड्रोन को ट्रकों में लादकर लक्षित एयरबेस के निकट पहुंचाया गया, जहाँ से छिपे हुए कंटेनरों की छतें रिमोट से खोलकर ड्रोन को लॉन्च किया गया। इस पूरे ऑपरेशन में रूस के न्यूक्लियर सक्षम टीयू-95, टीयू-22 और ए-50 विमानों को नष्ट किया गया।

ऑपरेशन स्पाइडर वेब: 18 महीने की गुप्त योजना

यूक्रेन द्वारा अंजाम दिए गए इस ऑपरेशन को 18 महीनों की गहन योजना और सामरिक संयोजन से तैयार किया गया था। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने बताया कि इन ड्रोन को सीधे लॉन्च नहीं किया गया, बल्कि लकड़ी के ढांचे में विस्फोटक लादकर ट्रकों के माध्यम से रूस में तस्करी से पहुंचाया गया। ये ट्रक एयरबेस के पास ले जाए गए, जहां से रिमोट के माध्यम से ड्रोन को उड़ाया गया।

इस हमले के दौरान यूक्रेन ने रूस के चार प्रमुख एयरबेस — ओलेन्या, इवानावो, डिगिलेव और बेलाया को निशाना बनाया। बेलाया एयरबेस तो यूक्रेन की सीमा से 4300 किलोमीटर दूर स्थित था। यह पहली बार था जब कोई ड्रोन इतनी दूरी तय कर रूस के भीतर सफलतापूर्वक हमला कर सका।

पर्ल हार्बर से तुलना क्यों?

इस हमले की तुलना 1941 के पर्ल हार्बर हमले से की जा रही है। जब जापान ने अमेरिका के नौसैनिक अड्डे पर हमला कर विश्व युद्ध में उसे घसीट लिया था, तब वैसा ही रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक झटका इस बार रूस को यूक्रेन ने दिया। फर्क इतना है कि यह हमला मानव रहित यंत्रों — ड्रोन के माध्यम से किया गया, जो आने वाले युद्धों की दिशा और दशा तय करने वाला संकेत है।

ड्रोन युद्ध: भविष्य की वास्तविकता

यूक्रेन के इस हमले ने साबित कर दिया कि अब युद्ध का स्वरूप बदल रहा है। ड्रोन और AI आधारित हथियार प्रणाली अब सैन्य संघर्ष का नया आधार बन चुकी हैं। बिना किसी पायलट की जान को जोखिम में डाले दुश्मन के भीतर गहराई तक हमला किया जा सकता है। यह तकनीक सिर्फ प्रभावी नहीं, बल्कि आर्थिक रूप से भी तुलनात्मक रूप से सस्ती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले ने रूस को लगभग 2 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचाया।

भारत के लिए सीख:

यह हमला भारत जैसे देशों के लिए भी एक चेतावनी और अवसर है। भारत ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में कार्रवाई की थी, लेकिन अब वक्त है कि भारत अपनी डिफेंस पॉलिसी में स्वदेशी ड्रोन, आर्म्ड UAV और ऑटोनमी आधारित हथियार प्रणालियों को प्राथमिकता दे। वायुशक्ति का भविष्य मानव रहित और एआई आधारित होने वाला है, और भारत को उस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने की आवश्यकता है।

रूस की सुरक्षा में चूक या नई साइबर रणनीति?

सबसे बड़ा सवाल यही है — इतने भारी सुरक्षा इंतजामों के बावजूद रूस को खबर तक नहीं लगी कि 117 ड्रोन 4000 किमी भीतर तक पहुंच गए? विशेषज्ञ इसे साइबर और इनसाइड इंटेलिजेंस की उच्च स्तरीय सफलता मानते हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति के मुताबिक ऑपरेशन की कमान रूस के FSB मुख्यालय के निकट से चलाई गई, जो रूस की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।

निष्कर्ष:

“ऑपरेशन स्पाइडर वेब” आधुनिक सैन्य रणनीति का एक ऐतिहासिक मोड़ है। यह ऑपरेशन बताता है कि अब युद्ध सिर्फ बंदूकों और मिसाइलों से नहीं लड़े जाएंगे, बल्कि तकनीकी चतुराई, रणनीतिक सूझबूझ और गुप्तचर कौशल ही निर्णायक होंगे। यूक्रेन का यह कदम न केवल रूस को, बल्कि पूरी दुनिया को यह सोचने पर मजबूर कर गया है कि अब “ड्रोन युद्ध” भविष्य नहीं, वर्तमान है।

-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यम सीए (एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र

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