FIR दर्ज करने की एवज में एसआई पर ₹5लाख रिश्वत मांगने का आरोप।
बिना FIR नही हो रही जाँच।
पुलिस आयुक्त ने मामले की जांच डीसीपी मानेसर को सौंपी।
पीड़ित की ओर से दी गई शिकायत में पुलिस की ओर से जांच में लापरवाही व आरोपों की जांच के लिए डीसीपी मानेसर को जांच सौंपी गई है। जांच के बाद ही पूरे मामले का खुलासा होगा। – विकास अरोड़ा, पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम

गुरुग्राम, 16 जून। देश की राजधानी नई दिल्ली से सटे एनसीआर क्षेत्र के शहर साइबर सिटी गुरुग्राम में जालसाजी ठगी और 420 की वारदातें बढ़ती जा रही है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है कि गुरुग्राम के रहने वाले एक कारोबारी को फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों ने मिलकर ₹50लाख का चूना लगाया। यह आरोप गुरुग्राम के सेक्टर-37 क्षेत्र में कारोबार करने वाले वरिष्ठ नागरिक दिनेश खन्ना सुपुत्र यशपाल खन्ना ने एक निजी फाइनेंस कंपनी जिस का नाम उन्होंने आदित्य बिरला फाइनेंस लिमिटेड के नई दिल्ली और गुरुग्राम ऑफिस के अधिकारियों पर आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि तीन करोड़ के लोन के नाम पर लिए गए सादे कागज का दुरुपयोग कर ₹50लाख रुपये की ठगी की है।

आप को बता दे कि डीएलएफ फेज चार, गुरुग्राम के वरिष्ठ नागरिक 66 वर्षीय, दिनेश खन्ना ने पुलिस आयुक्त को दी शिकायत में कहा कि उन्होंने तीन साल पहले आदित्य बिरला फाइनेंस लिमिटेड कंपनी से ₹3करोड़ रुपये का लोन लिया था। इस कंपनी में तैनात अभिषेक यादव की ओर से सादे कागज पर लिए गए हस्ताक्षर का गलत इस्तेमाल करके उससे लाखों रुपये ठग लिए। इस बारे में जब उसने शिकायत सेक्टर 37 थाने में दी, तो जांच अधिकारी ने FIR दर्ज करने के नाम पर, उससे ₹5लाख रुपये की मांग की थी। पूरे मामले की जानकारी एसीपी मानेसर, थाना प्रभारी सेक्टर 37 के पास थी, मगर उसके साथ न्याय नहीं हुआ। इस के बाद उन्होंने इस की शिकायत पुलिस आयुक्त को की।पुलिस आयुक्त ने मामले की जांच डीसीपी मानेसर को सौंप दी है।
दिनेश खन्ना ने बताया कि उसने एक शिकायत दिनांक 08.03.2025 को थाना सैक्टर 37, गुरूग्राम में जमा की थी जोकि एसआई महेन्द्र के पास मिली। उस शिकायत पर कोई कार्यवाही नही की गई थी, क्योकि वह शिकायत रिकार्ड में जमा नही थी। वही शिकायत नं० 13227106250227 दिनांक 23.05.2025 को थाना 37 में जमा की और उस पश्चात मुझे दिंनाक 25.05.2025 को दुबारा थाने में बुलाया गया था। जिन लोगो के खिलाफ उसने शिकायत की उनमें से एक आरोपी अभिषेक यादव जो कि एसआई महेन्द्र का जानकर था। एसआई महेन्द्र ने उस पर दबाव बनाया कि वे अभिषेक यादव का नाम शिकायत से हटा दे तो वह शिकायत को पूरे तरीके से तहकीकात कर तुरंत कार्यवाही करेगा।

उन्होंने बताया कि जब उन्होंने नाम काटने से मना कर दिया। और अगले दिन दिनांक 26.05.2025 चुक न० 04, रसीद न0 339 को DCP Manesar को की तो उन्होने SHO Sector 37 पुलिस थाना को आगे की कार्यवाही खुद करने के लिए लिखा। उस वारे मुझे दिनांक 09.06.2025 को SHO शाहिद अहमद जी ने उसे बुला कर आगे की कार्यवाही महेश जी को सौंपी। उस रोज उन्हे पता चला उनकी शिकायत पहले से फाईल कर दी जिसका उनको पता नही था।
उन्होंने कहा कि इस बारे उसने ACP Manesar श्री विरेन्द्र सैनी के पर दिनांक 12.06.2025 को शिकायत की व महेन्द्र जी द्वारा पैसे मांगने के बारे में बयान दिया कि SI महेन्द्र ₹5लाख एफआईआर दर्ज करने के मांगे। साथ ही उन्होंने कहा कि एस आई महेन्द्र द्वारा मांगे गए पैसों के बारे में कोई भी ठोस सबूत नहीं दे पायेगा। और फाइनेंस कंपनी के खिलाफ जो शिकायत दी उसकी बिना तफ्तीश के फाइल बन्द कर दी। उस ने कहा कि फाइनेंस कंपनी आदित्य बिरला फाइनेंस लिमिटेड के अधिकारियों और जाँच में कुताही बरत रहे और रिश्वत में ₹पांच लाख मांग रहे एसआई महेंद्र के खिलाफ बनती कारवाई की जाए। ताकि उसे न्याय मिले।
(इस समाचार में नाम व विवरण शिकायतकर्ता के आरोपों पर आधारित हैं। पुलिस जांच के निष्कर्षों के बाद सटीक तथ्य सामने आ सकेंगे।)