स्वास्थ्य और कानूनी जागरूकता के अद्वितीय समन्वय से समाज को मिला सशक्तिकरण का संदेश
पंचकूला, 21 जून 2025 – हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (HALSA) ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अपने सेक्टर-14, पंचकूला स्थित कार्यालय में विशेष योग शिविर का आयोजन किया। यह शिविर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के निर्देशानुसार और माननीय न्यायमूर्ति लीजा गिल न्यायाधीश पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, HALSA के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। इस आयोजन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) पंचकूला का भी सहयोग रहा।
स्वास्थ्य और न्याय का समन्वय
HALSA के सदस्य सचिव श्री सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि NALSA की वार्षिक कार्ययोजना के तहत राज्य के सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों में इस तरह के योग शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इनका उद्देश्य योग के माध्यम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के साथ-साथ आम नागरिकों को कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना है।
योग से आत्म-संयम, कानून से आत्म-विश्वास
इस शिविर का पर्यवेक्षण और समन्वय सीजेएम-सह-सचिव, डीएलएसए पंचकूला, सुश्री अपर्णा भारद्वाज द्वारा किया गया। उन्होंने प्रतिभागियों को योग की व्यापकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “योग केवल शरीर का व्यायाम नहीं, बल्कि आत्म-चिंतन, मानसिक संतुलन और समग्र कल्याण की प्रक्रिया है।” उन्होंने योग के साथ-साथ कानूनी जागरूकता को जीवन का हिस्सा बनाने का आग्रह किया।
उत्साही भागीदारी और कानूनी साक्षरता
योग सत्र का संचालन योगाचार्य श्री सत्यवीर सिंह द्वारा किया गया, जिसमें प्राणायाम, ध्यान और शारीरिक लचीलापन बढ़ाने वाले आसनों का अभ्यास कराया गया। इस अवसर पर पैनल अधिवक्ताओं, पैरा लीगल वॉलंटियर्स (PLVs) तथा HALSA व DLSA पंचकूला के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सक्रिय भागीदारी की।
राज्यभर में विविध आयोजन
पंचकूला के अतिरिक्त, हरियाणा भर के जिला मुख्यालयों, उपमंडलों, जेलों, वृद्धाश्रमों, शैक्षणिक संस्थानों व सामुदायिक केंद्रों में भी समान योग एवं कानूनी जागरूकता शिविर आयोजित किए गए। इन आयोजनों की देखरेख संबंधित जिला एवं सत्र न्यायाधीशों ने की, जो DLSA के अध्यक्ष भी हैं।
जन-कल्याण की प्रतिबद्धता
कार्यक्रम के अंत में सुश्री अपर्णा भारद्वाज ने दोहराया कि HALSA भविष्य में भी इस तरह के एकीकृत स्वास्थ्य व न्यायिक सशक्तिकरण अभियानों का आयोजन करता रहेगा, ताकि समाज का प्रत्येक वर्ग न केवल स्वस्थ बल्कि कानून की जानकारी से भी संपन्न हो सके।