– पूर्व जॉइंट कमिश्नर के PA, कई अधिकारी और चार पार्षद रिश्वतखोरी में शामिल
पंचकूला, 25 जून (भारत सारथि): पंचकूला नगर निगम में सफाई से जुड़े कार्यों में करोड़ों रुपये के घोटाले और मंथली रिश्वतखोरी का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने इस घोटाले के दस्तावेजी साक्ष्य मुख्य रूप से “पूजा कंसल्टेशन” नामक सफाई ठेकेदार कंपनी के प्रोजेक्ट इंचार्ज तरुण खटाना की हस्तलिखित डायरी के आधार पर सामने लाते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी है और इस पूरे मामले की विजिलेंस जांच की मांग की है।
कपूर के अनुसार, यह घोटाला केवल सफाई कार्यों तक सीमित नहीं, बल्कि लगभग 30 करोड़ रुपये की धनराशि में हुई वित्तीय अनियमितताओं को उजागर करता है। इसमें पंचकूला नगर निगम के तत्कालीन जॉइंट कमिश्नर के पीए, डीएमसी, निगम के अकाउंट ब्रांच से जुड़े अधिकारी, अभियंता और चार नगर पार्षद तक शामिल हैं।
डायरी से खुली मंथली रिश्वतखोरी की परतें
पीपी कपूर द्वारा उजागर की गई डायरी में निम्नलिखित प्रमुख नाम व रकम दर्ज हैं:
- 22 सितंबर 2023: जॉइंट कमिश्नर के पीए अजय को ₹1,84,000
- 20 अक्टूबर 2023: मुख्य सफाई निरीक्षक को दो बिलों पर ₹5 लाख
- जेई को दो बिलों पर ₹1 लाख
- सीनियर अकाउंट ऑफिसर को ₹1,04,500
- अकाउंटेंट प्रवीण को ₹15,500
- ऑडिट ब्रांच को ₹61,500
- ऑडिटर भंडारी को ₹19,000, ऑडिटर बत्रा को ₹15,000
- सहायक सफाई निरीक्षक को ₹84,000
- पार्षद अक्षय चौधरी को ₹50,000
कैसे हुआ 30 करोड़ का RDF और डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन घोटाला?
आरटीआई दस्तावेजों के हवाले से पीपी कपूर ने बताया कि पंचकूला की झूरीवाला डंपिंग साइट पर 6 करोड़ और सेक्टर-23 की साइट पर 24 करोड़ रुपये के लिगेसी वेस्ट RDF प्रोजेक्ट के तहत ठेकेदार को कार्य दिया गया। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य था डंपिंग साइट पर वर्षों से जमा कूड़े का प्रोसेसिंग कर वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण।
लेकिन ठेकेदार ने अधिकारियों की मिलीभगत से नियमों को ताक पर रखकर साइट की खुदाई कर अनप्रोसेस्ड कचरे को ही दबा दिया और 16 करोड़ रुपये तक की पेमेंट वसूल ली। बाकी 14 करोड़ की पेमेंट और निकलनी है।
इसी प्रकार, डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण के कार्य में रोजाना कूड़े का वजन बढ़ाकर फर्जी बिल बनाए गए और हर महीने लगभग 1.5 करोड़ रुपये की फर्जी पेमेंट की जा रही है, जिसमें से लाखों की रिश्वत अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों में बंटती है।
डीएमसी पर गंभीर आरोप: रिश्वत में कार और यौन उत्पीड़न का फर्जी केस?
पीपी कपूर ने आरोप लगाया कि डीएमसी अपूर्व चौधरी को ठेकेदार द्वारा 25 लाख रुपये की कीमत की कार रिश्वत में दी गई थी। जब एक कर्मचारी ने इसका भंडाफोड़ करने का प्रयास किया तो उसका कथित रूप से अपहरण कर उसे पीटा गया और उसके खिलाफ एक महिला कर्मचारी से यौन उत्पीड़न का फर्जी केस दर्ज करवाया गया।
पानीपत नगर निगम में भी दर्ज हो चुकी है FIR
उल्लेखनीय है कि 2 मई 2025 को हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा पानीपत नगर निगम में भी ₹15.84 करोड़ की वित्तीय अनियमितता में पूजा कंसल्टेशन के संचालक राजकुमार हुड्डा, डीएमसी जितेंद्र, और 11 अन्य कर्मचारियों पर FIR दर्ज की गई थी।
पीपी कपूर की मांग:
- पूजा कंसल्टेशन को ब्लैकलिस्ट किया जाए
- पूरे घोटाले की विजिलेंस जांच करवाई जाए
- जिन अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के नाम डायरी में हैं, उन पर आपराधिक मुकदमा दर्ज हो
- व्हिसलब्लोअर कर्मचारी को पुनः सुरक्षा प्रदान की जाए