वैश्विक स्तर पर उन्नत और अपडेट होती साइबर ठगी — आरबीआई रिपोर्ट अनुसार भारत में बैंकों से जुड़ी धोखाधड़ी के मामलों में गिरावट, लेकिन धोखाधड़ी की रकम तीन गुना बढ़ी

पूरे विश्व के लिए साइबर अपराधों से जुड़ी कुल लागत और जोखिम से लगातार बढ़नें वाली चुनौतीयों से निपटने तात्काललिक़ अपग्रेड की आवश्यकता बढ़ी

– एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं

गोंदिया (महाराष्ट्र)। पूरी दुनिया में आधुनिक तकनीक के विस्तार के साथ साइबर अपराध भी खतरनाक और परिष्कृत होते जा रहे हैं। बैंक खातों तक सीमित साइबर क्राइम अब व्हाट्सएप, ईमेल, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक पहुंच चुका है। किसी लिंक पर क्लिक करते ही धोखाधड़ी का शिकार होना आज के दौर में बेहद आम हो गया है। यही कारण है कि अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स भी अलर्ट मोड में आ गए हैं और ज़रा सी शंका या नियम उल्लंघन पर अकाउंट को लॉक कर रहे हैं। कई उपयोगकर्ताओं के अकाउंट हाल ही में टर्म्स एंड कंडीशंस के उल्लंघन के चलते लॉक हुए हैं।

मैं एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया (महाराष्ट्र), इस लेख के माध्यम से दुनियाभर के सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से अपील करना चाहता हूं कि वे अपने उपकरणों का बेहद सतर्कता से उपयोग करें। ज़रा सी चूक की वजह से हमारा प्लेटफॉर्म लॉक हो सकता है, जिसमें बहुमूल्य डेटा या ग्रुप सेव हो सकते हैं, और नया नंबर लेकर अकाउंट चालू भी करें तो वह डेटा हमेशा के लिए खो सकता है।

साइबर अपराधियों को कोई मौका न दें। सावधानी बेहद ज़रूरी है।

आज के दौर में साइबर क्राइम की बढ़ती चुनौती को देखते हुए वैश्विक स्तर पर तात्कालिक अपग्रेड की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

साइबर अपराधियों की नई तरकीबें और तकनीकी खतरें
नकली पुलिस या सीबीआई अधिकारी बनकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने के नाम पर लाखों की ठगी की घटनाएं सामने आई हैं। ठग इंटरनेट पर मौजूद हमारी निजी जानकारियों को एक्सेस कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं, और जिनके पास इंटरनेट नहीं है, उन्हें भी निशाना बना रहे हैं। डेटा सोशल साइट्स, अस्पताल, दुकानों या सरकारी दफ्तरों से लीक होकर अपराधियों तक पहुंचता है, जिसे वे ठगी के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

सावधानी के सुझाव

  • अपने अकाउंट्स के मजबूत पासवर्ड बनाएं
  • टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ज़रूर एक्टिवेट रखें
  • अनजान ईमेल या लिंक पर क्लिक करने से बचें
  • मोबाइल और सिस्टम को समय-समय पर अपडेट रखें
  • अनजाने स्रोत से आए मैसेज या कॉल पर निजी जानकारी साझा न करें

आरबीआई की रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
वित्तवर्ष 2024-25 में बैंकों से जुड़ी धोखाधड़ी के मामलों में 34% की कमी आई, लेकिन धोखाधड़ी की रकम तीन गुना बढ़कर 36,014 करोड़ रुपये पहुंच गई। पिछले वर्ष के 23,953 मामलों की तुलना में यह रकम चौंकाने वाली है।

  • निजी क्षेत्र के बैंकों में 59.4% मामले (14,233) सामने आए
  • सरकारी बैंकों में 29% मामले (6,935) सामने आए, लेकिन कुल 71% धोखाधड़ी की रकम सरकारी बैंकों में हुई (25,667 करोड़ रुपये)
  • कार्ड और इंटरनेट फ्रॉड सबसे ज़्यादा सामने आए

आरबीआई ने स्पष्ट किया कि कई पुराने मामलों को भी नए सिरे से गिनती में शामिल किया गया, जिसके चलते रकम तीन गुना बढ़ी दिखाई दी।

सीबीआई का ऑपरेशन चक्र-5 — साइबर ठगों पर कड़ा शिकंजा
सीबीआई ने साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट जैसी धोखाधड़ी पर शिकंजा कसते हुए पांच राज्यों — राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश — में 42 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान 8.5 लाख खच्चर खातों का खुलासा हुआ, जो अवैध ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल हो रहे थे। नौ आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई, जिनमें बिचौलिए, बैंक कर्मचारी और एजेंट शामिल हैं।

साइबर अपराध की परिभाषा और खतरे
साइबर क्राइम वह सभी अपराध हैं, जो कंप्यूटर, नेटवर्क या डिजिटल संसाधनों का उपयोग कर किए जाते हैं — जैसे

  • हैकिंग
  • फिशिंग
  • पहचान की चोरी
  • रैनसमवेयर
  • मैलवेयर
  • डीडीओएस अटैक
  • सॉफ्टवेयर चोरी
  • साइबर आतंकवाद

साइबर आतंकवाद अब गंभीर रूप ले चुका है, जहां आतंकी संगठन इंटरनेट के ज़रिए बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाने और दहशत फैलाने के इरादे से हमले कर रहे हैं।

निष्कर्ष
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे अत्याधुनिक तकनीकी समाधान, उन्नत अपडेट के साथ मिलकर साइबर अपराध और धोखाधड़ी का मुकाबला कर सकते हैं। लेकिन इनकी रफ्तार से भी तेजी से परिष्कृत होते साइबर हमलों के कारण पूरी दुनिया को अलर्ट रहने और तात्कालिक तकनीकी अपग्रेड की ज़रूरत बढ़ गई है। आरबीआई के ताज़ा आंकड़े भी साफ दर्शाते हैं कि भले ही धोखाधड़ी के मामलों में संख्या घटी हो, पर धोखाधड़ी की रकम कई गुना बढ़ी है — जो हमें चेतावनी देती है कि खतरा टला नहीं है। हमें सतर्क और अपडेट रहना ही होगा।

संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ, स्तंभकार, साहित्यकार, अंतरराष्ट्रीय लेखक, चिंतक, कवि, संगीत-माध्यम, सीए (एटीसी), एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया (महाराष्ट्र) 

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