– भगवानपुर के आंदोलन पर मंत्री की खामोशी लोकतंत्र का अपमान

गुरुग्राम/रेवाड़ी, 30 जून 2025। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से भगवानपुर गांव में 200 बेड अस्पताल की मांग पर स्पष्ट सार्वजनिक बयान देने की मांग की है। उन्होंने राव साहब से सवाल किया है कि क्या उन्होंने वास्तव में रेवाड़ी वाटर टैंक के लिए भगवानपुर गांव की 10 एकड़ पंचायती जमीन के बदले गांव में 200 बेड का अस्पताल बनाने का वादा किया था या नहीं?

विद्रोही ने कहा कि गांव के लोग धरने पर बैठे हैं और उनका दावा है कि राव इंद्रजीत सिंह ने स्वयं यह आश्वासन दिया था। अब जबकि यह मामला पिछले पखवाड़े से सार्वजनिक चर्चा में है, तो राव साहब का इस पर चुप्पी साधना लोकतंत्र और जनभावनाओं का अपमान है।

“लोकतंत्र लोकलाज से चलता है, सत्ता अहंकार से नहीं,” — विद्रोही ने दो टूक कहा।
उन्होंने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि का सार्वजनिक वादा सिर्फ राजनीतिक औपचारिकता नहीं, बल्कि संवैधानिक दायित्व होता है। यदि किसी कारणवश उस वादे को पूरा नहीं किया जा सकता, तो जनता को कारण बताना भी प्रतिनिधियों का कर्तव्य है।

सवालों की फेहरिस्त राव साहब के सामने:

  • क्या राव इंद्रजीत सिंह ने वाकई अस्पताल का वादा किया था?
  • अगर किया था, तो अब उसका क्रियान्वयन क्यों नहीं हो रहा?
  • यदि वादा नहीं किया था, तो वे इस बारे में स्पष्ट वक्तव्य क्यों नहीं दे रहे?
  • क्या भगवानपुर गांव कोई ऐसा मापदंड नहीं पूरा करता जो जरूरी है?
  • जिन गांवों में राव साहब और उनकी मंत्री पुत्री अस्पताल बनाना चाहती हैं, वहां कौनसे मानदंड पूरे होते हैं जो भगवानपुर में नहीं?
  • क्या वाकई राव इंद्रजीत और आरती राव राजनीतिक रूप से प्रभावशाली हैं या भाजपा में केवल सजावटी मोहरे?

विद्रोही ने कहा कि यदि राव साहब इस वादे को पूरा नहीं कर सकते, तो उन्हें साहसपूर्वक जनता के सामने माफी मांगनी चाहिए और स्वीकार करना चाहिए कि वे केवल नाम के मंत्री हैं, जिनकी निर्णय क्षमता भाजपा आलाकमान की मुहर पर निर्भर है।

“राजनीति में विश्वास टूटे तो जनाधार भी डगमगाता है”

वेदप्रकाश विद्रोही ने चेताया कि अगर जनता को बार-बार छलने का यह सिलसिला नहीं रुका, तो पूरे अहीरवाल क्षेत्र में भाजपा के खिलाफ जन आक्रोश तेज़ हो सकता है। उन्होंने भगवानपुर सहित क्षेत्र के अन्य ग्रामीणों से आपसी भाईचारा बनाए रखने और मांग को संयुक्त रूप से मजबूती से उठाने की अपील भी की।

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