एक ऐसा पल रहा जो हर दिल को छू गया – नरिंदर कौर

गुरुग्राम (जतिन/राजा )

सुरताज फाउंडेशन ने हाल ही में एक ऐसा भावुक क्षण रचा जिसने हर किसी का दिल छू लिया। संस्था ने विशेष बच्चों और उनके माता-पिता के लिए फिल्म सितारे ज़मीन पर की एक विशेष स्क्रीनिंग आयोजित की — और यह अनुभव उनके जीवन का पहला और सबसे यादगार सिनेमाई पल बन गया।

इनमें से कई बच्चों और अभिभावकों ने अपने जीवन में कभी भी सिनेमा हॉल में फिल्म नहीं देखी थी। कुछ ने तो अपने घरों से बाहर निकलना तक छोड़ दिया था। लेकिन इस खास दिन पर, जब वे सिनेमा हॉल में बैठे, तो केवल फिल्म नहीं देखी — उन्होंने उसमें खुद को महसूस किया।जैसे ही स्क्रीन पर सितारे ज़मीन पर शुरू हुई, बच्चों की आंखों में उम्मीद की चमक आ गई। वे हँसे, मुस्कुराए, भावुक हुए — और हर दृश्य के साथ उनका जुड़ाव और गहरा होता गया। माता-पिता के लिए यह एक अश्रुपूरित और गर्व का पल था, जैसे परदे पर उनके ही बच्चे चल रहे हों।

“ऐसा लगा जैसे फिल्म हमारे ही जीवन की कहानी कह रही है,” एक माता-पिता ने कहा कि आज हमारा बच्चा खुद को एक सितारा समझ रहा है।

सुरताज फाउंडेशन: विशेष बच्चों के लिए समर्पित एक सामाजिक क्रांति

सूरताज फाउंडेशन विशेष बच्चों की शिक्षा, समावेशन और आत्म-सम्मान के लिए निरंतर संघर्ष कर रहा है। संस्था का उद्देश्य है कि कोई भी बच्चा समाज से अलग न हो, और उसे वो हर अवसर मिले जो किसी भी आम बच्चे को मिलते हैं।

यह फिल्म-स्क्रीनिंग सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं था — यह एक संदेश था पूरे समाज के लिए कि विशेष बच्चों को भी खुशियाँ, मनोरंजन और समाज में समान स्थान पाने का अधिकार है।

सुरताज फाउंडेशन की फाउंडर मेंबर नरिंन्द्र कौर ने बताया कि अब वे दानदाताओं और सहयोगियों की तलाश में है — ऐसे संवेदनशील लोगों की, जो इस नेक कार्य में उनका हाथ बढ़ा सकें।उन्होंने कहा कि फ़िल्म सितारे ज़मीन पर ने हमें सिखाया कि “हर बच्चा खास होता है”, तो सूरताज फाउंडेशन हमें याद दिलाता है कि हर खास बच्चे को भी समाज का साथ चाहिए।

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