????आधिकारिक आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जुलाई 2025 से लाभार्थियों को पीडीएस के तहत मिलने वाला तेल अब ₹100 प्रति दो लीटर उपभोक्ता मूल्य पर मिलेगा।
???? यह फैसला ऐसे समय में आया है जब सरकार खुद गरीबों को राहत देने का दावा कर रही है, और दूसरी तरफ कीमतों में बढ़ोतरी से उनकी परेशानी और बढ़ा रही है।

गुरुग्राम, 2 जुलाई 2025। हरियाणा सरकार द्वारा राशन डिपुओं पर मिलने वाले सरसों तेल के उपभोक्ता मूल्य को ₹45 से बढ़ाकर ₹100 प्रति दो लीटर करने के निर्णय पर समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 11 साल केवल महंगाई, बेरोजगारी और पूंजीपतियों की तिजोरी भरने के साल रहे हैं।
गुरिंदरजीत सिंह ने खाद्य आपूर्ति विभाग के जारी आधिकारिक आदेश (दिनांक 1 जुलाई 2025) का हवाला देते हुए कहा कि गरीबों को सस्ता राशन देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार अब उन्हीं की जेब पर डाका डाल रही है।
“पहले 2 लीटर सरसों तेल की बोतल ₹45 में मिलती थी, अब वही ₹100 में दी जा रही है। क्या यही गरीबों को राहत देने वाली सरकार है?” — गुरिंदरजीत सिंह
महंगाई की मार, 11 साल की सरकार

गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के 11 सालों में हर जरूरत की चीज़ के दाम बेकाबू हो गए हैं। पेट्रोल-डीजल, एलपीजी, दालें, सब्जियां, अनाज—हर चीज़ आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही है।
“जहां एलपीजी सिलेंडर ₹400 में मिलता था, वह ₹1100 हो गया। स्कूटर ₹40 हजार से बढ़कर ₹1 लाख पार कर गया। यही है बीजेपी का विकास मॉडल।”
“तेल पर बोझ, पूंजीपतियों की मौज”
सरसों तेल की कीमत बढ़ाए जाने पर उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर है कि भाजपा की प्राथमिकता गरीब नहीं, बल्की पूंजीपति हैं। गुरिंदरजीत ने कहा कि चुनावों से पहले मुफ्त राशन, ₹2100 महिला सम्मान राशि, बेरोजगारी भत्ता जैसे बड़े-बड़े वादे किए गए, लेकिन सरकार बनने के बाद बीपीएल कार्ड तक काट दिए गए।
“भाषण नहीं, काम चाहिए”
उन्होंने हरियाणा की नायब सैनी सरकार, राव इंद्रजीत सिंह और केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अब जुमलों और भाषणों से बात नहीं बनेगी।
“सरकार सरसों तेल का बढ़ा हुआ दाम तुरंत वापस ले। गरीबों को ₹2100 महीना, बेरोजगारी भत्ता, वृद्धावस्था सम्मान राशि और हर परिवार को आयुष्मान योजना की सुविधा दी जाए।”
निष्कर्ष: गरीब की थाली पर चोट
गुरिंदरजीत सिंह ने सरकार से मांग की है कि खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा जारी तेल की कीमत बढ़ाने वाला आदेश तुरंत रद्द किया जाए, ताकि गरीबों को कुछ राहत मिल सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने यह निर्णय वापस नहीं लिया तो वह जनांदोलन खड़ा करेंगे।