
गुरुग्राम/ पटौदी, 3 जुलाई – कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने कहा कि “दिल्ली सरकार ने भले अपने कदम पीछे खींच लिए हों, लेकिन ये साफ़ है कि यह फैसला जनता के दबाव, कांग्रेस पार्टी की आवाज़, और मध्यम वर्ग के जमीनी आक्रोश की वजह से हुआ है, न कि किसी नीति या नैतिकता के कारण।”
कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने दिल्ली में वाहन स्क्रैप नीति को वापिस लेने के भाजपा सरकार के फैसले पर तीखा बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि यह कोई अहसान नहीं, बल्कि सरकार की मजबूरी और बेनकाब मंशा का प्रमाण है।
“जो भाजपा सरकार आज दोपहर तक, सुप्रीम कोर्ट की आड़ में आम लोगों की गाड़ियाँ स्क्रैप करवा रही थी, अब वही सरकार आम आदमी पार्टी की पिछली नीतियों को दोष देकर बचने की कोशिश कर रही है। लेकिन सवाल ये है, अगर कार स्क्रैप नीति ग़लत थी, तो अब तक रेखा गुप्ता जी की भाजपा सरकार क्यों चुप थीं?, क्योँ उसने अभी तक सुप्रीम कोर्ट के आर्डर को, पुनर्विचार के लिए निवेदन किया?”
पर्ल चौधरी ने कहा कि चाहे वह रेखा गुप्ता जी की भाजपा सरकार हो या केजरीवाल जी और आतिशी जी की आम आदमी पार्टी की सरकार, दोनों ने मिलकर पूरे दिल्ली एनसीआर के मध्यम वर्ग की जेब को ‘रेगुलर रेवेन्यू मॉडल’ बना लिया है।
” कार स्क्रेपिंग की ये पालिसी कोई पर्यावरण की ग्रीन पालिसी नहीं थी,बल्कि एक गंदा समझौता था, कार कंपनियों के मुनाफे और डीलरों के दबाव में आम जनता को हर 10-15 साल में गाड़ी बदलने पर मजबूर करने का।”
“जिस दिल्ली एनसीआर में आज भी सरकारी बस गांवों तक नहीं पहुँचती, वहाँ की सरकारें मेट्रो शहरों की नीतियां गुड़गांव जिले के पटौदी, फर्रुखनगर, सोहना, बादशाहपुर क्षेत्र के गाँवों पर भी थोप रही थीं। अगर कोई माँ-बाप अपनी पुरानी गाड़ी से बेटियों को पढ़ाई के लिए भेज रहे हैं, तो आपको शर्म आनी चाहिए कि आप उस आत्मनिर्भरता को भी स्क्रैप कर देना चाहते हैं।”
उन्होंने इस नीति को कॉरपोरेट परस्त, जनविरोधी और गैर-जवाबदेह सोच का नतीजा बताया।
“कांग्रेस का मत साफ़ है जब तक दिल्ली एनसीआर के हर गांव और कस्बे में सार्वजनिक परिवहन, बस सुविधा और वैकल्पिक साधन नहीं पहुंचते,तब तक स्क्रैप नीति को जनता पर थोपना लोकतंत्र का अपमान है।”
पर्ल चौधरी ने कांग्रेस पार्टी की तरफ से ऐलान किया कि “हमें जनहित के लिए लड़ना आता है और हम भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार के हर उस कानून, आदेश, नीति और फैसले के खिलाफ लड़ेंगे जो देश की मध्यम वर्गीय और ग़रीब जनता की जेब काटे, उसकी मेहनत को अपमानित करे, और मुनाफाखोरी के लिए बनाई गई हो। यही कांग्रेस की प्रतिबद्धता है, यही लोकतंत्र की ताकत है।”