-लोकतंत्र के आधारभूत स्तंभों के रूप में शहरी स्थानीय करीब 28निकाय की आम परिषद की बैठकों के संचालन के लिए मॉडल पद्धति और प्रक्रिया संहिता के विकास पर हुई परिचर्चा

गुरुग्राम, 3 जुलाई 2025- मुंबई नॉर्थ वेस्ट से सांसद रविंद्र दत्ताराम वायकर ने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों को कॉरपोरेशन से संबंधित अधिनियमों व कानून के बारे में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए, तभी वे अपने एरिया से संबंधित जनहित के कार्यों को अच्छी प्रकार से करा पाएंगे। कानून की जानकारी से ही वे विकास कार्यों में आने वाली सभी प्रकार की प्रशासनिक अड़चनों को भी दूर कर पाना संभव होगा।
सांसद श्री वायकर वीरवार को मानेसर आईकैट में आयोजित शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रथम सत्र की अध्यक्षता करते हुए देश के सभी राज्यों से आए शहरी स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। इस सत्र का विषय लोकतंत्र के आधारभूत स्तंभों के रूप में शहरी स्थानीय निकाय की आम परिषद की बैठकों के संचालन के लिए मॉडल पद्धति और प्रक्रिया संहिता का विकास करने पर बल देना था।
उन्होंने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय आम आदमी से जुड़ी हुई संस्था है, जोकि गरीब से गरीब व्यक्ति का कल्याण करने का सुअवसर प्रदान करती है। सभी को बुनियादी सुविधाओं पर अधिक ध्यान देना है, जिसके लिए रचनात्मक योजनाएं तैयार की जाएं। काम करने के दौरान कई अड़चनें आएंगी, लेकिन हमें घबराना या डरना नहीं है तथा नागरिक भावना को ध्यान में रखते हुए सभी जनहित के कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर करवाना है। इसके लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने वाले सबसे अहम संस्थानों में से एक हैं। ये निकाय न केवल नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करते हैं, बल्कि स्थानीय स्तर पर शासन को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावशाली बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि आम परिषद की बैठकों में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अधिक ध्यान दिया जाए जिसमें रचनात्मक कार्यों से संबंधित एजेंडा तैयार करना, जनहित से संबंधित प्रस्ताव रखना आदि शामिल है। साथ ही, परिषद की बैठकों को एक संगठित और परिणाममूलक के रूप में आयोजित किया जाए, जहां हर प्रतिनिधि की आवाज़ सुनी जाए और निर्णय व्यापक जनहित से संबंधित हों। इसके साथ ही प्रशिक्षण सत्र, कार्यशालाएं और डिजिटल पोर्टल्स के माध्यम से परिषद के सदस्यों और अधिकारियों को परिषद से संबंधित अधिनियम की विस्तृत जानकारी दी जाए।
सत्र के दौरान पंजाब के पटियाला से प्रदीप कुमार जोशन, मध्य प्रदेश के भोपाल से किसान सूर्यवंशी, असम के नलबाड़ी से जयाश्री तालुकदार, बिहार के सीतामढ़ी से आशुतोष कुमार, बिहार के बांका से विनीता प्रसाद व कोमल भारती, हरियाणा के भिवानी से वंदना, गुजरात से पल्लवी श्रेयस ठाकुर, फरीदाबाद से मेयर प्रवीण जोशी, सोनीपत से मेयर राजीव जैन, झारखंड से संतोष मुर्मू तेलंगाना से डोली रविंदर, उत्तर प्रदेश के सोनभादरा से रूबी प्रसाद, सहारनपुर से डॉ अजय कुमार, उत्तराखंड के देहरादून से मीरा सकलानी व विकास शर्मा, अंडमान निकोबार से एस शाहुल हमीद सहित देश के सभी राज्यों से आए शहरी स्थानीय निकायों के करीब 28 जनप्रतिनिधियों ने नवाचार को अपनाते हुए विकास कार्यों को करवाने तथा भविष्य की योजनाओं के बारे में अपने विचार व सुझाव रखे।
इसके साथ ही सभी जनप्रतिनिधियों ने इस राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन के लिए लोकसभा सांसद ओम बिरला व हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरिंदर कल्याण का भी धन्यवाद किया।
सांसद ने कहा कि आज के सत्र में रखे गए सभी विचारों व सुझावों को केंद्र समिति को भेजा जाएगा, ताकि इन पर यथासंभव व उचित कार्रवाई करना संभव हो सके।
इस सत्र के दौरान हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंदर कल्याण, महाराष्ट्र के पुणे की पूर्व मेयर राजलक्ष्मी व पूर्व डिप्टी मेयर डॉ सिद्धार्थ भी उपस्थित रहे।