सत्र 2025-28 के लिए समिति का विस्तार, प्रख्यात साहित्यकारों को अहम जिम्मेदारियाँ
गुरुग्राम, 7 जुलाई। अखिल भारतीय साहित्य परिषद (अ.भा.सा. परिषद) गुरुग्राम इकाई की सत्र 2025-28 के लिए नई कार्यसमिति का गठन स्थानीय सभागार, 1067 सेक्टर-31, गुरुग्राम में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर प्रांतीय अध्यक्ष व प्रख्यात साहित्यकार प्रो. सारस्वत मोहन मनीषी एवं प्रांतीय कोषाध्यक्ष हरीन्द्र यादव की उपस्थिति व संरक्षण में यह गठन प्रक्रिया पूरी हुई।
कार्यक्रम में सर्वसम्मति से पूर्व उपाध्यक्ष विधु कालरा को इकाई की नवीन अध्यक्ष चुना गया। अध्यक्ष पद ग्रहण करने के बाद विधु कालरा ने सभी को साथ लेकर चलने व संगठन को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कार्यकारिणी के प्रमुख पदों पर सदस्यों की सहमति से नामों की विधिवत घोषणा की, जिसका उपस्थित सदस्यों ने ध्वनि मत से अनुमोदन किया।
नई कार्यसमिति में जिन प्रमुख पदाधिकारियों का चयन हुआ, वे इस प्रकार हैं:
- उपाध्यक्ष – डॉ. मीनाक्षी पांडे (पूर्व महामंत्री), राजेश्वर वशिष्ठ (प्रसिद्ध साहित्यकार)
- महामंत्री – सुप्रिया संजू (गुरुग्राम यूनिवर्सिटी)
- कोषाध्यक्ष – अनंत सप्रे
- साहित्य मंत्री – घमंडी लाल अग्रवाल (प्रख्यात साहित्यकार)
- संगठन मंत्री – डॉ. पुष्पा अंतिल (प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय)
- प्रचार मंत्री – अनिल श्रीवास्तव
- प्रबंध मंत्री – बरखा यादव, शुचिता शर्मा
- मीडिया प्रमुख – डॉ. रश्मि अग्रवाल
- संयुक्त सचिव – मनीता गर्ग
सदस्य के रूप में चयनित:
डॉ. जगदंबे वर्मा, सुमन यादव, प्रीति मेहता – नगर की विदुषी एवं सक्रिय महिलाएं
मार्गदर्शक मंडल:
प्रख्यात साहित्यकार त्रिलोक कौशिक एवं वरिष्ठ सदस्य डॉ. विजय नागपाल को मार्गदर्शक मंडल में सम्मानपूर्वक स्थान प्रदान किया गया। वहीं, शेर सिंह चौहान ने संरक्षक की भूमिका स्वीकार की।
समारोह के दौरान प्रो. मोहन मनीषी ने अपने संबोधन में डॉ. नंदलाल मेहता जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके नाम पर वार्षिक पुरस्कार प्रारंभ करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकृति मिली।
समापन अवसर पर त्रिलोक कौशिक ने सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए डॉ. चंद्रशेखर कालरा एवं अध्यक्ष विधु कालरा द्वारा किए गए उत्कृष्ट आतिथ्य सत्कार की विशेष सराहना की।