गुरुग्राम, 10 जुलाई 2025। बीती रात गुरुग्राम में हुई भारी बारिश ने नगर प्रशासन की तैयारियों की पोल खोलकर रख दी। जलभराव, टूटे बिजली के तार और खुले सीवर की लापरवाही ने दो युवकों की जान ले ली। एक ओर जहां 25 वर्षीय अक्षत जैन की मौत करंट लगने से हुई, वहीं दूसरी ओर 27 वर्षीय ऑटो चालक शैलेन्द्र की जान खुले सीवर में गिरने से चली गई। दोनों मामलों में परिजनों ने विभागीय लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है, जिस पर पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमे दर्ज कर लिए हैं।
करंट लगने से हुई डिज़ाइनर युवक की मौत
दिल्ली निवासी अक्षत जैन (25), जो पेशे से डिज़ाइनर था और फिलहाल गुरुग्राम के सेक्टर-49 स्थित वाटिका सिटी में किराए पर रह रहा था, बीती रात जिम से लौटते समय घसोला गांव के पास जलभराव में गिरे बिजली के तार की चपेट में आ गया। करंट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
परिजनों ने बिजली विभाग पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है और सेक्टर-50 थाना पुलिस को दी गई शिकायत में स्पष्ट किया है कि यदि समय रहते तारों की मरम्मत या सुरक्षा के उचित प्रबंध होते, तो यह हादसा टल सकता था।
खुले सीवर में गिरकर ऑटो चालक की मौत
दूसरी घटना में ऑटो रिक्शा चालक शैलेन्द्र (27), निवासी गांव बिनौरा, जिला कन्नौज (उत्तर प्रदेश), जब अपने ऑटो से शीशपाल विहार गेट नंबर-2 के पास पहुंचा, तो वहां पानी से भरी सड़क के किनारे खुला हुआ सीवर मेनहोल नजर नहीं आया और वह उसमें गिर गया। पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई।
शैलेन्द्र के परिजनों ने नगर निगम की लापरवाही को दोषी ठहराते हुए थाना सदर में शिकायत दी, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने दर्ज किए मुकदमे, जांच जारी
गुरुग्राम पुलिस के अनुसार, दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है, और संबंधित विभागों के खिलाफ शिकायतों के आधार पर लापरवाही से मृत्यु के तहत धाराएँ दर्ज की गई हैं।
पुलिस का कहना है कि मामलों की गंभीरता को देखते हुए जांच प्राथमिकता से की जा रही है और दोषी अधिकारियों या कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल
लगातार हो रही बारिश ने एक बार फिर गुरुग्राम की बुनियादी व्यवस्था की पोल खोल दी है। खुले सीवर, जलभराव और बिजली के लटकते तार स्मार्ट सिटी दावों को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। दो जवानों की दर्दनाक मौतें अब न सिर्फ प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही हैं, बल्कि शहर की जनता में गहरा आक्रोश भी पैदा कर रही हैं।
“ये मौतें महज हादसे नहीं, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था की हत्या हैं।”
— स्थानीय निवासी, घटना स्थल पर