कौशलता विकास: एक बौद्धिक अस्त्र,संकटमोचक समाधान-बौद्धिक क्षमता का खजाना: बस ज़रूरत है पहचानने और निखारने की

कौशलता विकास, सामाजिक आर्थिक सुधारों,बढ़ती असमानता बेरोजगारी जनसांख्यिकीय संक्रमण जैसे मुद्दों के समाधान में मील का पत्थर साबित होगा

-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं

 गोंदिया महाराष्ट्र – वैश्विक स्तरपर कौशलता विकास न केवल व्यक्ति की योग्यता को निखारता है, बल्कि यह सामाजिक-आर्थिक सुधार, बढ़ती असमानता, बेरोजगारी और जनसांख्यिकीय चुनौतियों के समाधान में मील का पत्थर भी है।

“कौशल विकास परिवर्तन के वाहक युवाओं की समृद्धि का मूल मंत्र है।”

मानव को सृष्टिकर्ता ने अद्वितीय बौद्धिक क्षमता दी है। हर व्यक्ति में अलग-अलग स्तर पर कोई न कोई विशेष कौशल छिपा होता है। इस कौशल को पहचानकर उसे विकसित करना ही कौशलता विकास दिवस का सार है।

 विश्व युवा कौशल दिवस: स्थापना और उद्देश्य

  • घोषणा: 18 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने श्रीलंका के प्रस्ताव पर इसे मान्यता दी।
  • प्रथम आयोजन: 15 जुलाई 2015 को किया गया।
  • वार्षिक थीम: हर वर्ष इसे एक नई थीम के साथ मनाया जाता है।
  • 2025 की थीम: “एआई और डिजिटल कौशल के माध्यम से युवा सशक्तिकरण”

 थीम 2025: एआई और डिजिटल युग में दक्षता की आवश्यकता

यह दिवस युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण (TVET) के लिए प्रेरित करता है, ताकि वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल क्षेत्र में दक्ष बन सकें।

सामाजिक-आर्थिक सुधार में कौशलता विकास की भूमिका

  • जलवायु परिवर्तन
  • संघर्ष और अस्थिरता
  • गरीबी और बेरोजगारी
  • जनसांख्यिकीय बदलाव
  • तेजी से बदलती तकनीक

इन चुनौतियों का सामना कर युवाओं को नौकरी पाने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनाना ही उद्देश्य है।

 संयुक्त राष्ट्र और यूनेस्को की भूमिका

  • UNESCO-UNEVOC जैसे संगठन युवाओं को प्रशिक्षित, प्रमाणित और प्रासंगिक बनाते हैं।
  • NEET युवाओं (जो न तो शिक्षा में, न रोजगार में, न प्रशिक्षण में हैं) को मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास।

 भारत सरकार की पहलें: युवाओं को स्किल्ड बनाने की दिशा में कदम

  •  औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र (आईटीआई):
  • 1950 से भारत में दीर्घकालिक कौशल प्रशिक्षण।
  •  प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY):
  • 2015 से प्रारंभ, 400+ कोर्सेज के माध्यम से युवाओं को मुफ्त कौशल प्रशिक्षण।
  •  पूर्व सीखने की मान्यता (RPL):
  • व्यक्तियों के अनुभवजन्य कौशल को प्रमाणित करना।
  •  राष्ट्रीय करियर सेवा परियोजना (NCS):
  • ऑनलाइन करियर स्किल्स के लिए पोर्टल।
  •  स्मार्ट (SMART):
  • प्रशिक्षण केंद्रों की मान्यता, ग्रेडिंग, निगरानी।
  •  संकल्प योजना:
  • विश्व बैंक के सहयोग से जिला स्तर पर कौशल विकास।
  •  STRIVE योजना:
  • आईटीआई में दक्षता सुधार।
  •  पीएम युवा योजना:
  • उद्यमिता शिक्षा व प्रशिक्षण के लिए 2016 में शुरू।
  •  वाईयूवीए योजना:
  • युवा लेखकों के लिए मेंटरशिप प्रोग्राम।
  • कौशलाचार्य पुरस्कार:
  • प्रशिक्षकों के योगदान को मान्यता।
  •  उच्च शिक्षा में शिक्षुता:
  • स्नातकों को शिक्षुता अवसर।
  • आत्मनिर्भर पोर्टल:
  • स्थायी आजीविका के लिए कुशल व्यक्तियों की मैपिंग।
  • जनजातीय समुदाय की पहलें:
  • GOALवन धन योजना — आदिवासी युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में।
  •  उपराष्ट्रपति का संदेश (12 जुलाई 2025): कौशल ही शक्ति है

उपराष्ट्रपति ने कहा—

“गुरुकुल की छवि भारतीय संविधान में समाहित है। कोचिंग संस्थानों को कौशल केंद्रों में बदलना चाहिए और शिक्षा में विवेकशीलता बहाल करना ज़रूरी है।”

 इतिहास की झलक: कैसे शुरू हुआ विश्व कौशल दिवस?

  • 18 दिसंबर 2014: यूएन महासभा ने श्रीलंका के नेतृत्व में प्रस्ताव पारित किया।
  • उद्देश्य: वैश्विक स्तर पर युवा कौशल विकास का महत्व उजागर करना।

निष्कर्ष: कौशलता विकास ही समृद्धि की कुंजी है

यदि हम पूरे विश्लेषण का सार देखें तो निष्कर्ष यही निकलता है कि:

कौशलता विकास एक संकट मोचक बौद्धिक अस्त्र है, और यही युवाओं की सशक्त समृद्धि का मूलमंत्र है।
यह बढ़ती असमानता, बेरोजगारी, सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों के समाधान का प्रभावशाली माध्यम है।

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