जनता को आपस में भिड़ाने की साजिश, सांसद-विधायक मौन क्यों: ग्रामीण भारत संस्था अध्यक्ष का सवाल

रेवाड़ी/धारूहेड़ा/भिवाड़ी, 14 जुलाई – स्वयंसेवी संस्था ‘ग्रामीण भारत’ के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र से धारूहेड़ा की ओर बह रहे रसायनयुक्त गंदे पानी को लेकर हरियाणा और राजस्थान की भाजपा सरकारों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दोनों सरकारों की अकर्मण्यता और जवाबदेही से भागने की प्रवृत्ति के कारण दो राज्यों के कस्बों के नागरिकों में टकराव की स्थिति बनती जा रही है।

विद्रोही ने बताया कि रविवार को भिवाड़ी के नागरिकों ने पंचायत कर रेवाड़ी प्रशासन द्वारा धारूहेड़ा में बनाए गए उस रैंप को तोड़ दिया, जो गंदे पानी के प्रवाह को रोकने के लिए बनाया गया था। उन्होंने कहा कि भले ही यह घटना शांति से निपट गई, लेकिन यह सिर्फ अस्थायी शांति है। यदि सरकारों ने मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकाला, तो हालात और अधिक बिगड़ सकते हैं।

स्थायी समाधान की मांग, भाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप
विद्रोही ने कहा कि धारूहेड़ा में बनाया गया रैंप केवल अस्थायी उपाय है, जिससे समस्या हल नहीं होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दस वर्षों से हरियाणा सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया और केवल खोखले दावे और जुमलेबाजी की है।

उन्होंने सवाल उठाया कि जब इस पूरे क्षेत्र के सांसद और विधायक भाजपा से हैं – चाहे वो अलवर के सांसद भूपेंद्र यादव हों, जो मूल रूप से हरियाणा के जमालपुर पटौदी के निवासी हैं, या तिजारा से विधायक बाबा बालकनाथ, जो रोहतक के अस्थल अबोहर से हैं – तब भी इस मुद्दे पर सब मौन क्यों हैं? क्या यह दर्शाता नहीं कि भाजपा जनहित के मामलों में केवल दिखावा करती है?

हिंसक टकराव की चेतावनी
वेदप्रकाश विद्रोही ने चेताया कि यदि इस गंदे और रसायनयुक्त पानी के बहाव को रोकने के लिए कोई स्थायी और वैज्ञानिक समाधान शीघ्र नहीं निकाला गया, तो भिवाड़ी और धारूहेड़ा के लोगों के बीच गंभीर टकराव हो सकता है। उन्होंने कहा कि “प्रशासन रैंप की चौकीदारी कब तक करेगा? सरकारों को जिम्मेदारी लेनी ही होगी।”

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