न्याय जवाबदेही और मानव अधिकारों के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता का प्रतीक है
दुनियाँ की सरकारें प्रण करें:- अन्याय के नए रूपों को विफ़ल करेंगे, न्यायिक संस्थाओं को मज़बूत करेंगे व पीड़ितों को सशक्त बनाएंगे
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय को अपराधियों के प्रत्यर्पण, आतंकवाद पनाहगार देशों का संज्ञान, अंतर्राष्ट्रीय संदिग्ध अपराधियों को गिरफ्तार करने की शक्तियां देना समय की मांग
– एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं

विश्व की सरकारों को लेना होगा संकल्प
गोंदिया महाराष्ट्र- वैश्विक स्तरपर आज के युग में जब नए-नए रूपों में अन्याय सामने आ रहे हैं, तो दुनियाभर की सरकारों को यह संकल्प लेना चाहिए कि वे ऐसे अन्यायों को विफल करेंगी, न्यायिक संस्थाओं को सशक्त बनाएंगी और पीड़ितों को उनके अधिकार दिलाकर सशक्त बनाएंगी।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय को और शक्तिशाली बनाने की आवश्यकता
एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र का मानना है कि “अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय को अपराधियों के प्रत्यर्पण, आतंकवाद को शरण देने वाले देशों का संज्ञान लेने, और अंतर्राष्ट्रीय संदिग्ध अपराधियों को गिरफ्तार करने जैसी शक्तियाँ देना आज के समय की मांग बन चुकी है।”
अंतरराष्ट्रीय अपराधों में वृद्धि: एक वैश्विक चुनौती
गोंदिया से लेखक का कहना है कि पिछले दो दशकों में संगठित अपराधों में अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर भारी वृद्धि हुई है। जांच एजेंसियों ने अब अपराधों की जांच में अंतरराष्ट्रीय एंगल को भी अपनाना शुरू किया है।
रूस-यूक्रेन, इज़राइल-हमास जैसे युद्ध और कई अन्य देशों में मानवाधिकारों का उल्लंघन चर्चा का विषय बने हैं। युद्ध अपराधों के लिए वैश्विक स्तर पर मानक मौजूद हैं, और कई मामलों में अपराधियों के तार विदेशों से जुड़े पाए जाते हैं।
विश्व अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस की प्रासंगिकता
- राजनीतिक संघर्ष, युद्ध अपराध और मानवाधिकार उल्लंघन के समय में इसकी प्रासंगिकता और बढ़ जाती है।
- यह इस बात पर बल देता है कि गंभीर अपराधों के दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाए।
- यूक्रेन, गाजा और अफ्रीका में हो रहे अत्याचारों के बीच, यह आम नागरिकों की रक्षा का एक अहम उपकरण है।
- यह न्यायालयों के बीच सहयोग की आवश्यकता को दर्शाता है।
- बहुपक्षीय कानूनों की गिरती साख के बीच यह दिवस हमें शांति और जवाबदेही की याद दिलाता है।
- न्याय सीमाओं और राजनीतिक प्रभावों से ऊपर उठकर सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
इस दिवस के उद्देश्य
- अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्याय के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
- युद्ध अपराधियों और मानवता विरोधी अपराधियों को सजा दिलाना।
- मानवाधिकारों की रक्षा, पीड़ितों को न्याय और कानून के शासन को मजबूत करना।
- अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अधिक न्यायपूर्ण दुनिया के निर्माण के लिए प्रेरित करना।
अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC): एक परिचय
- यह दुनिया का पहला स्थायी, स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण है।
- इसमें चार मुख्य अपराध शामिल हैं: नरसंहार, युद्ध अपराध, मानवता के विरुद्ध अपराध और आक्रामकता।
- मुख्यालय: हेग, नीदरलैंड्स।
- स्थापना: 1 जुलाई 2002।
- भारत अभी तक इसका सदस्य नहीं है क्योंकि यह राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा के लिए बाधा मानता है।
- भारत को यह भी आशंका है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वीटोधारी देशों का इस पर बहुत प्रभाव है।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की आवश्यकता क्यों?
दुनिया में संगठित अपराधों और युद्ध अपराधों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक मजबूत अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक व्यवस्था की आवश्यकता है, जो गंभीर अपराधों पर लगाम लगा सके।
ICC का कार्य और अधिकार क्षेत्र
ICC राष्ट्रीय अदालतों की जगह नहीं लेता, बल्कि वहां हस्तक्षेप करता है जहाँ देश स्वयं सक्षम नहीं होते। इसका अधिकार क्षेत्र सीमित है – यह सिर्फ सदस्य देशों के भीतर या यूएनएससी द्वारा संदर्भित मामलों में हस्तक्षेप कर सकता है।
आईसीसी की सीमाएं और उपयोगिता
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय अंतिम उपाय के रूप में काम करता है जब राष्ट्रीय न्याय प्रणाली निष्क्रिय या अक्षम हो। यह केवल सदस्य देशों में या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर काम करता है।
निष्कर्ष: न्याय के प्रति वैश्विक निष्ठा का स्मरण
विश्व अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस 17 जुलाई 2025 हमें यह स्मरण कराता है कि न्याय, जवाबदेही और मानवाधिकार केवल सिद्धांत नहीं, बल्कि व्यवहारिक क्रियान्वयन की मांग करते हैं।
विश्व की सरकारों को यह संकल्प लेना चाहिए कि वे अन्याय के नए रूपों को विफल करेंगी, न्यायिक संस्थाओं को सशक्त बनाएंगी और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए वैश्विक स्तर पर कदम उठाएंगी।
साथ ही अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को और अधिक शक्तिशाली बनाना आज की समय की ज़रूरत है।
संकलनकर्ता लेखक – क़ानूनी विशेषज्ञ | स्तंभकार | अंतरराष्ट्रीय लेखक | चिंतक | कवि | संगीत माध्यमा | सीए (ATC) | एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं, गोंदिया, महाराष्ट्र