विश्व मस्तिष्क दिवस 22 जुलाई 2025-मस्तिष्क स्वस्थ हर उम्र के सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है
मस्तिष्क की कई बीमारियों को जागरूकता अभियान चलाकर रोका जा सकता है जो मानसिक, सामाजिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है
– एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं

गोंदिया महाराष्ट्र-मस्तिष्क स्वास्थ्य एक ऐसी आजीवन यात्रा है जो जन्म के साथ प्रारंभ होती है और जीवन के प्रत्येक चरण में निरंतर चलती रहती है। 22 जुलाई 2025 को विश्व मस्तिष्क दिवस इस विचार को और भी बल प्रदान करता है कि मस्तिष्क का स्वस्थ रहना हर उम्र के लोगों के लिए अत्यंत आवश्यक है।
मानव मस्तिष्क: सृष्टि की अनुपम रचना
गोंदिया से लेखक का यह मानना है कि 84 लाख योनियों में ईश्वर ने मस्तिष्क सभी को प्रदान किया, परंतु मानव योनि में मस्तिष्क की जो रचना हुई है, वह विज्ञान और चेतना की चरम सीमा है। इसी मस्तिष्क के बल पर मनुष्य ने चाँद पर कदम रखा, सूर्य और चंद्रमा जैसे खगोलीय पिंडों को भी कृत्रिम तकनीकों से समझने और अनुकरण करने का प्रयास किया।
परंतु एक यक्षप्रश्न अब भी अनुत्तरित है—क्या ऐसा कुछ शरीर में आता या निकल जाता है जो जीव को मृत्यु के चक्र में डाल देता है? इस पर शोध जारी है और लेखक का मानना है कि इसका उत्तर पूर्णतः मानव के वश में नहीं आएगा।
विश्व मस्तिष्क दिवस: एक वैश्विक अभियान
विश्व मस्तिष्क दिवस विश्व न्यूरोलॉजी महासंघ द्वारा 2014 से मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य मस्तिष्क स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाना और यह समझ बनाना है कि मस्तिष्क का ध्यान केवल वृद्धों की नहीं, बल्कि सभी आयु वर्गों की प्राथमिकता होनी चाहिए।
वर्ष 2025 की थीम है: “सभी आयु वर्गों के लिए मस्तिष्क स्वास्थ्य”
जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के उस दृष्टिकोण के अनुरूप है जिसमें न्यूरोलॉजिकल देखभाल के माध्यम से विकलांगता को कम करने पर बल दिया गया है।
मस्तिष्क स्वास्थ्य का वास्तविक अर्थ
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मस्तिष्क स्वास्थ्य का तात्पर्य है—संज्ञानात्मक, भावनात्मक, संवेदी और शारीरिक कार्यों को सही ढंग से करने की क्षमता, जिससे व्यक्ति जीवन की विविध चुनौतियों का सामना करते हुए स्वतंत्र, संतुलित और संपूर्ण जीवन जी सके।
मस्तिष्क स्वास्थ्य से जुड़े प्रमुख क्षेत्र हैं:
- सोचने, याद रखने और निर्णय लेने की क्षमता
- तनाव और भावनात्मक उतार-चढ़ाव को संभालना
- सामाजिक संवाद और रिश्तों की गुणवत्ता
- संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव
मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के प्रभावी उपाय
- संतुलित आहार लें: हरे पत्तेदार साग, जामुन, मेवे, साबुत अनाज से युक्त आहार मस्तिष्क को पोषण देते हैं।
- नियमित व्यायाम करें: शारीरिक गतिविधि रक्त प्रवाह को बढ़ाती है और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है।
- गुणवत्तापूर्ण नींद लें: रोज़ाना 7-9 घंटे की नींद स्मृति और एकाग्रता के लिए आवश्यक है।
- मानसिक रूप से सक्रिय रहें: पढ़ना, नई चीज़ें सीखना, खेल या पज़ल हल करना मस्तिष्क को चुस्त बनाए रखता है।
- तनाव प्रबंधन करें: ध्यान, योग, गहरी साँस जैसी तकनीकें लाभकारी हैं।
- धूम्रपान और शराब से बचें: ये पदार्थ मस्तिष्क की कोशिकाओं को क्षति पहुँचा सकते हैं।
- नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं: संज्ञानात्मक विकारों की समय रहते पहचान से उपचार संभव है।
भारत की विशेष ज़िम्मेदारी: विजन 2047
भारत की युवा जनसंख्या (65% से अधिक युवा) को देखते हुए मस्तिष्क स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना और विजन 2047 की दिशा में प्रगति हेतु यह विषय और भी प्रासंगिक हो जाता है। एक जागरूक, मानसिक रूप से स्वस्थ और नवाचारशील युवा भारत की आधारशिला है।
निष्कर्ष
दुनिया भर में लाखों लोग मस्तिष्क संबंधी विकारों से जूझ रहे हैं, जिनमें से अनेक को प्रारंभिक जागरूकता और जीवनशैली में परिवर्तन के माध्यम से रोका या नियंत्रित किया जा सकता है। अतः हम सबकी यह ज़िम्मेदारी है कि हम इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करें, जागरूक बनें और बनाएं।
मस्तिष्क स्वास्थ्य एक आजीवन यात्रा है, जो जन्म से शुरू होती है और जीवन के हर चरण में जारी रहती है।
विश्व मस्तिष्क दिवस 2025 पर हम संकल्प लें कि हम स्वयं भी जागरूक रहेंगे और समाज में भी यह संदेश पहुंचाएंगे।
संकलनकर्ता लेखक:
**क़र विशेषज्ञ | स्तंभकार | साहित्यकार | अंतरराष्ट्रीय चिंतक | कवि | संगीत माध्यम | CA (ATC) | एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया महाराष्ट्र