यस बैंक लोन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका, रिलायंस समूह के कई कार्यालयों व परिसरों पर जांच एजेंसी की दबिश

नई दिल्ली/मुंबई। रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (RAAGA) एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रडार पर है। गुरुवार को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग और बैंक धोखाधड़ी के एक गंभीर मामले में देशभर के 48 से अधिक ठिकानों पर व्यापक छापेमारी की। कार्रवाई मुंबई, दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में फैले कार्यालयों, आवासीय परिसरों और संबंधित कंपनियों तक पहुंची।
सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी यस बैंक से मिले ₹3,000 करोड़ के कर्ज के दुरुपयोग से जुड़ी है। आरोप है कि इस धन का प्रयोग गलत उद्देश्यों के लिए किया गया और बैंकों को गुमराह किया गया। ईडी इस बात की जांच कर रही है कि कहीं यह फंड एक सोची-समझी साजिश के तहत अन्य कंपनियों में डायवर्ट तो नहीं किया गया।
ईडी की कार्रवाई रिलायंस पावर, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस होम फाइनेंस सहित समूह की अन्य कंपनियों के खिलाफ केंद्रित है। जांच एजेंसी का दावा है कि 50 कंपनियों और 25 से अधिक व्यक्तियों का नेटवर्क इस संभावित घोटाले में शामिल है।
कार्रवाई के बाद रिलायंस ग्रुप की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा गया कि वे जांच एजेंसियों के साथ पूर्ण सहयोग कर रहे हैं और समूह की व्यावसायिक गतिविधियों या वित्तीय स्थिति पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
इस कार्रवाई का असर शेयर बाजार पर भी देखा गया। रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में गुरुवार को 4 से 5 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई।
ED सूत्रों के अनुसार, इस मामले में कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं और डिजिटल साक्ष्यों की भी गहन जांच की जा रही है। आने वाले दिनों में कई और खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।