हिसार, जुलाई 26 – राजस्थान में चूरू के पास वायु सेना युद्धाभ्यास के दौरान 9 जुलाई को विमान दुर्घटना में मारे गए स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह को आज वरिष्ठ नागरिक क्लब हिसार में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया गया कि विमान में खराबी आने पर उन्होंने बेल आउट नहीं किया और अपनी जान की परवाह न करते हुए अपने फाइटर जेट को आबादी से दूर गिराया।

स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह अपने पीछे अपनी पत्नी सुरभि और एक महीने का पुत्र छोड़ गए हैं। सुरभि का परिवार हिसार में रहता है और वह गांव खरड़ अलीपुर का मूल निवासी रहा है।

वरिष्ठ नागरिक क्लब की बैठक में उपस्थित सुरभि के पिता सुशील सहरावत ने बताया कि लोकेंद्र सिंह जैगुआर विमान के कुशल फाइटर पायलट थे और उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में भी भाग लिया था।

वायु सेना मुख्यालय से प्राप्त पत्र का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह बैटल फील्ड स्ट्राइक एक्सरसाइज में हिस्सा ले रहे थे और लोलेवल की उड़ान पर थे जब उनके विमान में खराबी आने के कारण वह गिरने लगा। हौसले और सूझ बूझ का परिचय देते हुए उन्होंने फाइटर जेट का रुख आबादी से परे कर दिया पर वे स्वयं इस घटना में शहीद हो गए।

वायु सेना मुख्यालय ने हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी को लिखे पत्र में स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह की कुर्बानी को बहादुरी की मिसाल करार देते हुए मांग की है कि सरकार उनकी पत्नी सुरभि की पीएचडी की योग्यता को देखते हुए उन्हें सिविल सर्विस या कोई अन्य क्लास वन जॉब दे जैसा कि राज्य के नियमों में प्रावधान है और जैसा कि मुख्य मंत्री नायब सैनी घोषणा भी कर चुके हैं।

श्रद्धांजलि बैठक में पूर्व डिविजनल कमिश्नर युद्धवीर ख्यालिया भी उपस्थित थे। दो मिनट का मौन रख स्वर्गीय स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

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