सुरेश गोयल ‘धूप वाला’

हिसार, 27 जुलाई। नगर निगम हिसार द्वारा पार्कों में बने धार्मिक प्रतिष्ठानों को हटाने के निर्णय ने शहर में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। इस संदर्भ में पूर्व मनोनीत पार्षद सुरेश गोयल ‘धूप वाला’ ने नगर प्रशासन से अपील की है कि वह इस विषय पर संतुलित और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाए।

सुरेश गोयल ने प्रेस को जारी अपने बयान में कहा कि नगर निगम द्वारा शहर के कुछ पार्कों की प्रबंधक समितियों को नोटिस भेजे गए हैं, जिनमें सात दिन के भीतर धार्मिक संरचनाएं स्वयं हटाने अथवा कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई है। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए की जा रही है।

हालांकि, श्री गोयल ने सवाल उठाया कि यदि ये निर्माण अवैध थे, तो इन्हें प्रारंभ में ही क्यों नहीं रोका गया? उन्होंने कहा कि कई पूजा स्थल पिछले कई वर्षों से सक्रिय हैं, जहां पर नियमित पूजा-पाठ व धार्मिक आयोजन होते हैं और ये स्थानीय जनजीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। “इनसे किसी को कोई सार्वजनिक असुविधा नहीं होती, बल्कि ये धार्मिक आस्था के केंद्र हैं,” उन्होंने कहा।

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि नगर निगम को चाहिए कि वह पहले से स्थापित मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों को न छेड़े, जो न तो अतिक्रमण हैं और न ही किसी अव्यवस्था का कारण। साथ ही, भविष्य में यदि कोई नया निर्माण कार्य प्रस्तावित हो, तो उसके लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया और स्पष्ट अनुमति नीति बनाई जाए।

गोयल ने प्रशासन से अपील की कि वह इस संवेदनशील मुद्दे पर जनभावनाओं का सम्मान करते हुए कानूनी प्रावधानों के दायरे में रहकर समाधान निकाले। “न तो कानून की अनदेखी हो और न ही आस्था को ठेस पहुँचे — यही सच्चे लोकसेवक का धर्म है,” उन्होंने कहा।

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