इन लड़कियों का काम गर्भ व जन्म से लेकर मरन तक का है – जयहिन्द

इन सबको मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के दरबार में लेकर पहुंचूंगा – जयहिन्द

विपक्ष कुंभकर्ण का दादा बना हुआ है – जयहिन्द

रोहतक (3 अगस्त) / रविवार 3 अगस्त को पूरे हरियाणा से सीईटी पास महिलाओं का एक प्रतिनिधि मंडल अपनी समस्या लेकर नवीन जयहिन्द के बीपीएल आवास पर पहुंचा। महिलाओं ने बताया कि हमने 2022 में सीईटी पास किया जिसके बाद हमारे एमपीएचडब्ल्यू(MPHW) मेन्स में भी कटऑफ से ज्यादा नंबर आए, लेकिन हमारी ज्वाइनिंग नहीं करवाई गई, जबकि कुछ लोगों की ज्वाइनिंग हुई। इस समस्या को लेकर हम मुख्यमंत्री साहब से व आयोग के चेयरमैन से भी मिल चुके है लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। महिलाओं ने जयहिन्द को आखिरी उम्मीद बताते हुए जयहिन्द के सामने अपनी बात रखी।

जयहिन्द का कहना है कि जब कोई अपनी समस्या लेकर मुख्यमंत्री जी के दरबार में जाए और फिर भी उसकी समस्या का समाधान न हो, तो यह ठीक बात नहीं है। हम मुख्यमंत्री नायब सैनी जी व स्वास्थ्य मंत्री आरती राव जी से हाथ जोड़ कर विनती करते है कि इनकी समस्या पर गौर कर जल्द समाधान करे वरना हम इन लोगों को आपके दरबार में लेकर पहुंचेंगे। और साथ ही आयोग के चेयरमैन हिम्मत सिंह जी से भी अपील की इन बच्चों को न्याय दिलवाइए, कोर्ट के चक्कर मत कटवाइए।

जयहिन्द ने बताया कि ये महिलाएं एमपीएचडब्ल्यू(MPHW) की कैंडिडेट है, इन महिलाओं का काम जब कोई महिला गर्भवती होती है तो वहां से इनका काम शुरू होता है, और मृत्यु प्रमाण पत्र भी यही बनाती है, यानी गर्भ से लेकर मरने तक का होता है। साथ ही जयहिन्द ने स्वास्थ्य मंत्री आरती राव जी के बयान पर टिपण्णी करते हुए कहा कि अगर सरकार आप लोगों की वजह से बनी है तो इन महिलाओं की समस्या भी आप लोगों की वजह से खत्म हो जाए तो बहुत अच्छी बात होगी।

जयहिन्द ने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि जैसे गैर मान्यता प्राप्त स्कूल होते है वैसे ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा जी भी गैर मान्यता प्राप्त विपक्ष के नेता है। और जितने भी विपक्ष के विधायक है या नेता है वे सब कुंभकर्ण के दादा बने हुए है। कुंभकर्ण तो 6 महीने जागा करता था, लेकिन विपक्ष सोया ही रहता है। पता नहीं क्यों उन्हें लोगो की समस्याएं नहीं दिखती।

ऐसा बताया जा रहा हैै कि जो भी AAG केस लड़ रहा है उसे किसी भी बात का पता नहीं है। वह सिर्फ तारीख पर तारीख ले थे है। हमने आपको कुछ दिन पहले ही बता दिया था कि AG किस तरह से नियुक्त किए जाते है। ग्रुप सी व डी में पर्ची खर्ची नहीं चली होगी हम मानते है लेकिन AG, AAG और जो भी बड़ी नियुक्तियां है शायद उनमें पर्चा–खर्चा चला हो।

महिलाओं ने बताया कि हम अपनी इस मांग को लेकर पहले धरना भी दे चुके है लेकिन आयोग के अधिकारियों द्वारा हमें नौकरी वापिस देने का झूठा आश्वासन देकर हमारे धरने को खत्म करवा दिया गया। एचएसएससी बताती है कि हमारे डॉक्यूमेंट अपलोड नहीं है, लेकिन हम कोर्ट केस के चलते तीन बार अपने डॉक्यूमेंट जमा करवा चुके है। फिर भी विभाग कहता है कि सब कोर्ट से होगा और कोर्ट से हमें सिर्फ तारीख मिल रही है।

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