नई दिल्ली/रेवाड़ी, 10 अगस्त 2025 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी द्वारा ‘वोट चोरी मॉडल’ के दस्तावेजी सबूत सामने रखने के बाद आयोग बौखला गया है और अपने आचरण से स्वयं यह साबित कर रहा है कि वह वोट चोरी में शामिल है।

राहुल गांधी के सबूतों पर जांच की बजाय प्रायोजित कहानियां

विद्रोही ने कहा कि राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता कर वोट चोरी के पांच तरीकों के प्रमाण पूरे देश के सामने रखे, लेकिन आयोग इनकी निष्पक्ष जांच करने के बजाय कथित सूत्रों के माध्यम से भाजपा के पक्ष में प्रायोजित कहानियां मीडिया में प्रचारित करवा रहा है।

शपथ पत्र मांगना गैरकानूनी – विशेषज्ञों की राय

उन्होंने बताया कि कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर जांच के लिए शपथ पत्र मांगा है, जबकि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत और कई संविधान विशेषज्ञ स्पष्ट कह चुके हैं कि जिन धाराओं का हवाला दिया गया है, वे केवल नई वोट बनवाने और आपत्तियां दर्ज कराने के मामलों पर लागू होती हैं, न कि पहले से बनी वोटर लिस्ट पर।

“जब एक संवैधानिक संस्था ही अपनी गलतियों को छिपाने के लिए गैरसंवैधानिक हथकंडे अपनाए, तो जनता उस पर विश्वास कैसे करे?” — वेदप्रकाश विद्रोही

लोकसभा 2024 में हेराफेरी का आरोप

विद्रोही ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव 2024 में मोदी-भाजपा ने चुनाव आयोग की मदद से वोट की चोरी कर हेराफेरी से जीत हासिल की और इस तरह प्रधानमंत्री गैरसंवैधानिक तरीके से पद पर बने हुए हैं।

“वोट की चोरी से बने प्रधानमंत्री सत्ता के दुरुपयोग और चुनाव आयोग की मिलीभगत से अपनी चोरी छिपाने की तिकड़में भिड़ा रहे हैं।” — वेदप्रकाश विद्रोही

सुप्रीम कोर्ट से स्वतः संज्ञान की मांग

विद्रोही ने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान लेकर इस पूरे ‘वोट चोरी मॉडल’ की जांच अपनी निगरानी में स्वतंत्र और निष्पक्ष विशेषज्ञों से करवाए, ताकि चुनाव आयोग और जनादेश पर जनता का भरोसा कायम रहे।

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