
15 अगस्त 2025 वैश्विक, राजनीतिक, आर्थिक व सुरक्षा परिदृश्य में भारत की स्थिति जिम्मेदारियों व चुनौतियों का प्रतीक बनेगा
लाल किले की प्राचीर से बहुपक्षीय संघर्ष, व्यापारिक टकरावों, जलवायु संकट, तकनीकी प्रतिस्पर्धा के बीच आत्मनिर्भर भारत का आगाज़ होगा
-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर 15 अगस्त 2025 न केवल भारत की स्वतंत्रता का पर्व है, बल्कि वैश्विक राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा परिदृश्य में भारत की नई भूमिका और जिम्मेदारियों का प्रतीक भी है। इस बार लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री का संभावित संबोधन, देशवासियों सहित पूरे विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण नीति घोषणा के रूप में देखा जायेगा।
एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया (महाराष्ट्र) का कहना है कि बहुपक्षीय संघर्ष, व्यापारिक टकराव, जलवायु संकट और तकनीकी प्रतिस्पर्धा के दौर में आत्मनिर्भर भारत का एक नया अध्याय यहीं से शुरू होगा।
भारत में और दुनियाँ भर में उत्सव की गूंज

भारत के हर कोने से लेकर दुनिया के कई देशों — अमेरिका, लंदन, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, यूएई, जापान आदि — में भारतीय स्वतंत्रता दिवस का उल्लास चरम पर है।
“हर घर तिरंगा” अभियान के अंतर्गत 13 से 15 अगस्त तक तिरंगे की शान हर घर पर लहराई जा रही है।
ग्राम पंचायतों से लेकर जिला मुख्यालय, राज्य सचिवालय से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक, हर जगह झंडारोहण कार्यक्रम और सांस्कृतिक आयोजन हो रहे हैं। मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों की गूंज पूरे दिन और देर रात तक बनी हुई है।
शहीदों का स्मरण और श्रद्धांजलि
यह पर्व उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करने का अवसर है, जिन्होंने आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया।
यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता की यह सांस उनकी कुर्बानियों का परिणाम है और देश उनके ऋण से सदा बंधा है।
प्रधानमंत्री का संभावित संदेश
लाल किले से प्रधानमंत्री के 12वें वार्षिक संबोधन में तीन प्रमुख आयाम सामने आने की संभावना है—
- आत्मनिर्भर भारत का संकल्प
- बाहरी दबावों और टैरिफ नीतियों के सामने भारत के झुकने से इंकार।
- उद्योग, तकनीक और कृषि को सशक्त बनाकर भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का केंद्र बनाना।
- घोषणा कि भारत अपनी तरक्की खुद तय करेगा, किसी घेराबंदी से नहीं डरेगा।
- वैश्विक घेराबंदी का रणनीतिक जवाब
- मित्र देशों (रूस, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका आदि) के साथ व्यापारिक सहयोग को मजबूत करना।
- नए बाजारों का विस्तार और बहुपक्षीय व्यापार समझौतों में सक्रिय भागीदारी।
- आर्थिक आत्मनिर्भरता के साथ-साथ वैश्विक नेतृत्व का लक्ष्य।
- जनता और उद्योग जगत से आह्वान
- घरेलू उत्पादन बढ़ाने, ‘मेक इन इंडिया’ को नए स्तर पर ले जाने का आह्वान।
- छोटे से बड़े हर उत्पाद में भारतीय नवाचार को प्राथमिकता।
- “जो भी बनाएं, जो भी खरीदें – वह अपने देश के लिए, अपने देश में बने।”
नया भारत – विकसित, सुरक्षित और साहसी
सरकार 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। इस दिशा में 79वां स्वतंत्रता दिवस नए भारत की अवधारणा को जन-जन तक पहुंचाने का अवसर बनेगा।
सरकारी तैयारियां:
- लाल किले का मुख्य आयोजन – तिरंगा फहराना, 21 तोपों की सलामी, राष्ट्रगान और प्रधानमंत्री का संबोधन।
- गार्ड ऑफ ऑनर – सेना, नौसेना, वायुसेना और दिल्ली पुलिस के 96 सदस्यीय दस्ते की विशेष व्यवस्था।
- बैंड प्रदर्शन – “ऑपरेशन सिंदूर” की विजय और “नया भारत” की भावना को दर्शाने वाले देशव्यापी कार्यक्रम।
- हर घर तिरंगा अभियान – नागरिकों की सक्रिय भागीदारी, ऑनलाइन प्रमाणपत्र और बैज।
विशेष अतिथियों का सम्मान
पंचायती राज मंत्रालय ने इस वर्ष 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 210 पंचायत प्रतिनिधियों को लाल किले के समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है।
इस वर्ष का विषय — “आत्मनिर्भर पंचायत, विकसित भारत की पहचान” — ग्रामीण नेतृत्व की उभरती शक्ति को रेखांकित करता है।
महिला पंचायत प्रतिनिधियों की बड़ी भागीदारी, ग्रामीण विकास योजनाओं के सफल कार्यान्वयन और स्थानीय नवाचारों की मिसाल पेश कर रही है।
अतः अगर हम उपल्ब पूरे विवरण का अध्ययन करें इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि 79वां स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2025 केवल एक राष्ट्रीय पर्व नहीं, बल्कि भारत की वैश्विक नीति, आत्मनिर्भरता और नेतृत्व की दिशा तय करने वाला क्षण है।लाल किले की प्राचीर से दिया जाने वाला यह संदेश आने वाले वर्षों में भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति और राष्ट्रीय विकास यात्रा का मार्गदर्शक सिद्ध होगा।
संकलनकर्ता लेखक: क़र विशेषज्ञ, स्तंभकार, साहित्यकार, अंतरराष्ट्रीय लेखक, चिंतक, कवि, संगीत माध्यमा, सीए (एटीसी), एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया (महाराष्ट्र)