अलास्का में नहीं बनी बात-3 घंटे बैठक, कोई डील नहीं,12 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस-अब मिशन मास्को

मानव इतिहास में संवाद,चाहे वह व्यक्तिगत,राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय हो,सदैव सबसे स्थायी और प्रभावशाली समाधान साधनों में से एक

ट्रंप पुतिन की अलास्का महामुलाकात क़े हाई प्रोफाइल होने का अंदाजा,होटल पब हवाई जहाज उड़ानों पर अस्थाई प्रतिबंध से लगाया जा सकता है

-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी

 गोंदिया – वैश्विक स्तरपर मानव इतिहास में संवाद, चाहे वह व्यक्तिगत, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर का हो, सदैव सबसे स्थायी और प्रभावशाली समाधान साधनों में से एक माना गया है। युद्ध और हिंसक संघर्षों ने अक्सर विनाश और अपूरणीय क्षति दी है, जबकि बातचीत ने सम्मान, समझ और स्थायी परिवर्तन को संभव बनाया है। इसीलिए कहा गया है कि संवाद सिर्फ शब्दों की अदला-बदली नहीं, बल्कि एक ऐसी संरचित प्रक्रिया है, जो समझ, सहानुभूति और सहयोग को बढ़ावा देती है।

अलास्का में ट्रंप-पुतिन की मुलाकात

15 अगस्त 2025 को देर रात भारतीय समय अनुसार लगभग 2 बजे अलास्का स्थित जॉइंट बेस एलमेंडोर्फ-रिचार्डसन में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बहुचर्चित बैठक आयोजित हुई। यह 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने मुलाकात थी।

यह बैठक लगभग 3 घंटे चली। शुरुआत में रेड कार्पेट वेलकम, दोनों नेताओं का एक ही कार से स्थल पर पहुँचना और अमेरिकी बी-2 स्टील्थ बमवर्षक तथा एफ-22 फाइटर विमानों द्वारा फ़्लाईओवर ने इस मुलाकात की प्रतीकात्मक अहमियत को और गहरा दिया। बैठक का प्रारूप भी पारंपरिक एक-पर-एक वार्ता से अलग था। यह 3-ऑन-3 प्रारूप में हुई, जिसमें ट्रंप की ओर से विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ उपस्थित थे, जबकि पुतिन के साथ विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और सलाहकार यूरी उशाकोव मौजूद रहे।

वार्ता के मुख्य बिंदु

बैठक में दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन युद्ध की समाप्ति और सुरक्षा गारंटी को लेकर लंबी चर्चा हुई।

  • ट्रंप ने इस मुलाकात को “शुरुआती कदम” बताया और संकेत दिया कि आगे यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को भी शामिल करके त्रिपक्षीय वार्ता की जा सकती है।
  • पुतिन ने किसी भी क्षेत्रीय समझौते से इनकार किया और नाटो से दूरी बनाए रखने तथा रूस की सुरक्षा आवश्यकताओं को सर्वोच्च बताया।
  • पहली बार ट्रंप ने नाटो से बाहर सुरक्षा गारंटी देने की “संभावना” का संकेत दिया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस – 12 मिनट, कोई सवाल-जवाब नहीं

बैठक के बाद दोनों नेताओं ने मात्र 12 मिनट की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के सवाल नहीं लिए।

  • ट्रंप ने कहा, “हमारी बातचीत बहुत सकारात्मक रही, कई मुद्दों पर सहमति बनी, लेकिन कोई अंतिम डील नहीं हुई।”
  • पुतिन ने रूस की सुरक्षा को सबसे आवश्यक बताते हुए अगली बैठक मॉस्को में करने का प्रस्ताव रखा।
  • ट्रंप ने इस बैठक को “10 में से 10 अंक” दिए।

प्रेस कॉन्फ्रेंस समाप्त होते ही दोनों नेता मंच से उतर गए। बाद में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने जानकारी दी कि वापसी के दौरान ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से लंबी बातचीत की। हालांकि, ज़ेलेंस्की ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।

मुलाकात की 5 अहम बातें

  1. 3 घंटे चली बंद कमरे की चर्चा का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया गया।
  2. प्रेस कॉन्फ्रेंस केवल 12 मिनट तक चली, पत्रकारों के प्रश्न नहीं लिए गए।
  3. ट्रंप ने बैठक को सकारात्मक बताते हुए कहा कि अंतिम समझौता अभी नहीं हुआ।
  4. पुतिन ने कहा कि यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए उसकी “असल वजह” को खत्म करना ज़रूरी है।
  5. पुतिन ने दावा किया कि यदि 2022 में ट्रंप राष्ट्रपति होते तो यूक्रेन युद्ध नहीं होता।

विश्लेषण-संवाद की शक्ति और सीमाएँ

ट्रंप-पुतिन की यह मुलाकात वैश्विक स्तर पर शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास थी। लेकिन यह भी स्पष्ट हुआ कि संवाद एक दोधारी तलवार है। यह युद्ध को टालने का आधार बन सकता है, परंतु इसकी परिणति पक्षकारों की मंशा, निष्पक्षता और समयबद्धता पर निर्भर करती है।

यदि इस मुलाकात को न्यायपूर्ण और रणनीतिक तरीके से आगे बढ़ाया गया, तो यह शांति का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। अन्यथा यह केवल एक “दिखावटी संवाद” बनकर रह जाएगी, जो संघर्ष को सुलझाने के बजाय और गहरा सकती है।

अतः अगर हम उपयोग पूरे विवरण का अध्ययन कर इसको समराइज करें तो हम पाएंगे कि अब मिशन मॉस्को

अलास्का में हुई यह उच्च-स्तरीय बैठक किसी ठोस डील के बिना समाप्त हुई। परंतु यह एक आरंभिक बिंदु के रूप में देखी जा रही है। अब वैश्विक निगाहें इस बात पर टिक गई हैं कि क्या ट्रंप और पुतिन की अगली मुलाकात मॉस्को में वास्तव में निर्णायक समाधान ला पाएगी या यह भी केवल प्रतीकात्मक स्तर तक सीमित रह जाएगी।

  संकलनकर्ता/लेखक-कर विशेषज्ञ | स्तंभकार | साहित्यकार | अंतरराष्ट्रीय लेखक | चिंतक | कवि | संगीत माध्यमा | सीए(एटीसी)एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया (महाराष्ट्र

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