युवाओं की जिंदगी को लील रहा है मेडिकल नशा, नशे की चेन तोडऩे के लिए किया जाए सख्त प्रहार

चंडीगढ़, 19 अगस्त। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कि सिरसा जिला नशा का हब बनता जा रहा है जहां पर हर प्रकार के नशे की आपूर्ति हो रही है, यही वजह है कि सिरसा आज नशे की गहरी दलदल में फंसता जा रहा है। दूसरी ओर गांव-गांव और छोटे कस्बों तक मेडिकल स्टोर्स पर टैपेंटाडोल, प्रेगाबेलिन और सिग्नेचर कैप्सूल जैसी खतरनाक नशीली गोलियां खुलेआम बिक रही हैं। डबवाली, कालांवली, रोड़ी, बडागुढा़, रानियां और अन्य क्षेत्रों में इन गोलियों की वजह से युवा मौत के शिकार हो रहे हैं और अनगिनत परिवार तबाह हो चुके हैं। सरकार को सबसे पहले नशे की चेन को तोड़ना होगा।

मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा हैै कि पहले हैरोइन, स्मैक, अफीम, चूरापोस्त का नशा सबसे ज्यादा होता था और आज भी हो रहा है लेकिन युवा वर्ग मेडिकल नशा ज्यादा कर रहा है। नशीली दवाओं की लत, जिसे मादक द्रव्यों के सेवन संबंधी विकार भी कहा जाता है, एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति के मस्तिष्क और व्यवहार को प्रभावित करती है और वैध या अवैध नशीली दवाओं के सेवन पर नियंत्रण न रख पाने की स्थिति पैदा करती है। शराब, मारिजुआना और निकोटीन जैसे पदार्थों को भी नशा माना जाता है। सांसद ने कहा कि सबसे बड़ी बात ये है कि मेडिकल नशा आसानी से मिल जाता है। इन गोलियों का अवैध धंधा खुलेआम हो रहा है और यह बेहद गंभीर संकट का रूप ले चुका है। इसके लिए सिरसा बदनाम होने लगा है, पंजाब के युवा भी मेडिकल नशे की पूर्ति के लिए डबवाली, कालांवाली, रोडी ओर आने लगे है। जब से ये नशा बढ़ा है युवाओं की मौत का सिलसिला भी बढ़ रहा है, जिला में सबसे ज्यादा मौत रोडी क्षेत्र में हुई है, अब इसकी चपेट में दूसरे क्षेत्र भी आ रहे है और ऐसा कोई दिन नहीं जा रहा है जब खबर आती है कि फलां गांव में नशे की ओवर डोज से युवक की मौत हो गई।

सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि सिरसा सिविल अस्पताल का डि-एडिक्शन सेंटर ऐसे दर्दनाक मामलों से भरा पड़ा है जहां युवा अपना भविष्य खो बैठे हैं। सच तो ये है कि भाजपा सरकार और प्रशासन की लापरवाही से हालात बेकाबू हो चुके हैं। सांसद ने कहा कि टैपेंटाडोल, प्रेगाबेलिन और सिग्नेचर कैप्सूल्स जैसी दवाइयों को अब तक एनडीपीएस एक्ट के तहत क्यों नहीं लाया गया? नशे की गोलियों के सप्लायर और मेडिकल स्टोर मालिकों पर कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? नशे की सप्लाई चैन पर रोक कब लगेगी? सांसद ने कहा कि खानापूर्ति के लिए छापेमारी की जाती है, नशा करने वालो को पता होता है कि ये दवाईयां कहां कहां आसानी से मिलती है पर पुलिस इससे बेखबर रहती है। सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री केवल एंटी-ड्रग मैराथन तक सीमित न रहें, बल्कि वास्तविकता में ठोस कदम उठाए। सिर्फ दौड़ने से नशे की समस्या खत्म नहीं होगी। अगर कोई अधिकारी नशे पर रोक नहीं लगा रहा है तो किसी काबिल अफसर को तैनात किया जाए, इसमें कोताई न बरती जाए।

सांसद ने मांग की कि नशे की गोलियों और कैप्सूल्स बेचने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और उनके लाइसेंस रदद किए जाए साथ ही ऐसे स्टोर संचालकों को ब्लैक लिस्ट किया जाए। सप्लायर और अवैध बिक्री करने वाले मेडिकल स्टोर मालिकों पर सख्त कार्रवाई की जाए और नशे की सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया जाए। सांसद ने कहा कि नशे से न केवल हमारी युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है, बल्कि समाज और परिवारों का ताना-बाना भी टूट रहा है। भाजपा सरकार को समझना होगा कि सिर्फ मैराथन और फोटो सेशन से नशे की जड़ें नहीं कटेंगी। इसके लिए ठोस और कड़े कदम उठाने होंगे।

सांसद सैलजा की मांग पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने की सकारात्मक कार्रवाई

सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने बताया कि उनकी लगातार उठाई गई मांगों पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सकारात्मक कार्रवाई की है। कुमारी सैलजा ने कहा कि सिरसा जिले में डिंग से डबवाली तक पांच नए पुलों का निर्माण किया जाएगा। यह निर्णय क्षेत्र के लोगों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की ओर से उन्हें आधिकारिक पत्र प्राप्त हुआ है। विशेष रूप से साहूवाला गांव का उल्लेख करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि गांव में सर्विस रोड का निर्माण, अंडरपास का निर्माण, सुरक्षा जाली लगाना तथा गांव की सीमा दर्शाने वाले संकेतक बोर्ड लगाने जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त, डबवाली मंडी तक सड़क पर लगी लाइटों को भी दुरुस्त किया जाएगा। कुमारी सैलजा ने कहा कि यह कदम सिरसा जिले के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है और इससे हजारों लोगों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। उन्होंने क्षेत्र की जनता को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं और विकास संबंधी मुद्दों को संसद से लेकर केंद्र सरकार तक लगातार उठाया जाता रहेगा।

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