भिवानी/मुकेश वत्स

 हरियाणा सरकार ने कैबिनेट में अति पिछड़ा वर्ग को आठ प्रतिशत आरक्षण देने के बारे मंथन करके ड्राफ्ट तैयार करने की योजना बनाई है जिसकी शुरुआत अच्छी है लेकिन अति पिछड़ा वर्ग हमेशा से ही शोषित रहा है इस वर्ग में ज्यादातर जातियाँ हाथ का काम करने वाली हैं प्रदेश में इनकी जनसंख्या लगभग 32 प्रतिशत है उक्त जानकारी प्रेस को देते हुए ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय सचिव व केश कला एवं कौशल विकास बोर्ड के पूर्व चेयरमैन योगेंद्र योगी ने कहा आजादी के 73 साल बाद भी ये वर्ग राजनीतिक रूप से पिछड़ा हुआ है उन्होंने कहा कि आरक्षण के हिसाब से भी इस वर्ग का अधिकार 16 प्रतिशत है जो पूरा मिलना चाहिए ।

योगी ने प्रथम व द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में भी इस आरक्षण को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 16 प्रतिशत करने की मांग की सामाजिक न्याय को देखते हुए आरक्षण का प्रावधान किया गया था लेकिन आज तक भी उसको पूरी तरह से लागू ना करना हुक्मरानों की नीति और नियत पर प्रश्न चिन्ह लगाता है ।उन्होंने प्रदेश सरकार से कैबिनेट व विधानसभा सत्र बुलाकर ओबीसी की जातिगत जनगणना कराने का प्रस्ताव पारित करने की मांग की योगी ने बताया कि मण्डल आयोग की अनुशंसाओं को पूर्णत: लागू करते हुए राज्यवर विधानसभाओं में सीटें और लोकसभा में 353 सीटें आरक्षित की जाएं साथ ही सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण में लागू असंवैधानिक क्रीमीलेयर को समाप्त किया जाए।

योगी ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड की तरह सरकार द्वारा इस कामगार वर्ग के लिए भी कामगार क्रेडिट कार्ड बनाये जाने चाहिए ताकि ये अपना गुजारा बसर कर सकें उन्होंने कहा कि हम ने लगातार मुख्यमंत्री जी को इन मांगों से अवगत कराया है कोरोना महामारी में जिन कामगारों के काम धंधे समाप्त हुए उनके लिए भी 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की है।

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