युवा कल्याण संगठन ने राष्ट्रपति के नाम खून से लिखा पत्र

भिवानी/मुकेश वत्स  

तीन कृषि कानूनों को वापस करने के मांग करते हुए युवा कल्याण संगठन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को खून से पत्र लिखा है। युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने कहा कि किसान ने इस देश की नींव रखी है और वो दिनभर इस देश के लिए काम करते हैं। ये बिल किसान विरोधी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि ये बिल किसानों के हित में हैं, अगर ये बिल किसानों के हित में है, तो फिर किसान सडक़ों पर क्यों हैं?

कमल प्रधान ने कहा कि इन बिलों का उद्देश्य हिंदुस्तान की कृषि व्यवस्था को गिने चुने उद्योगपतियों के हवाले करने का है। उन्होंने कहा कि किसान की शक्ति के सामने कोई नहीं टिक सकता। भाजपा सरकार को गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि किसान डर जाएंगे, पीछे हट जाएंगे। बिलों के रद्द होने तक किसान न डरेगा और न ही पीछे हटेगा।

कमल प्रधान ने कहा कि कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर 26 नवंबर से देश भर के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान नेताओं से अब तक सरकार के साथ छह बार बैठक भी हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसका अर्थ साफ है कि किसानों को अंधेरे में रखा जा रहा है। सरकार अपनी पुरानी बातों को ही गोल-गोल घुमा रही है।

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