मोदी सरकार एक ऐसा फैसला ले रही है जो एक साल में आपकी और हमारी प्राइवेसी को पूरी तरह से ख़त्म कर देगा।
* इन्हें 70 साल दे दिए होते तो आज भी हम पत्थर रगड़ कर चिंगारी निकाल रहे होते ।
* गडकरी ने कहा है कि अगले साल में मौजूदा टोल कलेक्शन की व्यवस्था को खत्म करके ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) के जरिए टोल टैक्स वसूला जाएगा।
* चाहे आपका चार पहिया वाहन सालो तक शहर के बाहर हाइवे पर न जाए तो भी आपको अपने वाहन पर फास्ट टैग लगाना जरूरी है।
* कार से आप कहा जा रहे हैं, कहा रुक रहे हैं, आपका डेली रूटीन क्या है, सब पता होगा ।
* 2024 तक पूरा देश एक सर्विलांस स्टेट में बदल जाएगा और लोग बेवकूफों की तरह अपनी सुरक्षा के तर्क पर इसे स्वीकार भी कर लेंगे।

अशोक कुमार कौशिक

चूल्हे और सिगड़ी का धुंआ तो याद ही होगा आपको भी ,ज्यादा नही कुछ 30, 35 साल पुरानी ही बात तो है। घर में गैस नही थी। हमारे तकरीबन पांच हजार लोगों के गांव नुमा कस्बे में एक लूना थी, कार के दर्शन भी दुर्लभ थे। फोन भी शायद पोस्ट ऑफिस के अलावा एक दो ही रहे होंगे । मनोरंजन के नाम पर बैलगाड़ी से गन्ने खींचना और गुल्ली डंडा जैसे कुछ साधन थे । टीवी तो ख्याल में भी नही आया था अभी हमारे । नए कपड़े के नाम पर भी ज्यादातर लोगों के पास स्कूली ड्रेस ही होती थी, नौकरी के नाम पर भी बिड़ला वा डालमिया की फैक्ट्री ओर कुछ सरकारी नोकरियाँ ही थी। पर आज हम जहॉं हैं वो पिछली सरकारों के किये कामों की बदौलत ही हैं। पर ये सात साल का शासन देखकर लगता है अगर इन्हें 70 साल दे दिए होते तो आज भी हम पत्थर रगड़ कर चिंगारी निकाल रहे होते ।

आप कहेंगे कि बाद में बात हर वक्त मोदी को गिरयाना शुरू कर देते हैं। अब ऐसी क्या बात है हो गई की सरकार को फिर से कोसना शुरू कर दिया। तो जनाब इस लिखे को पूरा पढ़ें। अब बताओ मोदी सरकार एक ऐसा फैसला ले रही है जो एक साल में आपकी और हमारी प्राइवेसी को पूरी तरह से ख़त्म कर देगा। न्यू वर्ल्ड आर्डर में आपका स्वागत है ( BIG BROTHER IS WATCHING YOU)। 

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने परसो ही संसद में एक नयी घोषणा की है जो अगले एक साल में हकीकत बन जाएगी । बहुत से लोगो को यह बात बहुत पसंद आएगी क्योकि इससे जुड़े खतरों से अभी वह बिल्कुल अनजान है । नितिन गडकरी ने कहा है कि अगले एक साल में मौजूदा टोल कलेक्शन की व्यवस्था को खत्म करके ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) के जरिए टोल टैक्स वसूला जाएगा। इसके तहत वाहन जितने किलोमीटर तक हाईवे का प्रयोग करेगा, उतने किलोमीटर के लिए ही टोल टैक्स की वसूली की जाएगी।

यानी देश मे हाइवे पर टोल बूथ खत्म कर दिए जाएंगे ओर जीपीएस के जरिए आपकी गाड़ियों के हाईवे पर चलने का रिकॉर्ड रखा जाएगा और आपसे टोल वसूला जाएगा, सरकार ने इसी साल फ़ास्ट टैग की व्यवस्था को पूरी तरह से लागू कर दिया है।

क्या आप जानते है कि फ़ास्ट टैग लगाना सभी गाड़ियों के लिए जरूरी कर दिया गया है ? चाहे आपका चार पहिया वाहन सालो तक शहर के बाहर हाइवे पर न जाए तो भी आपको अपने वाहन पर फास्ट टैग लगाना जरूरी है। केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार, 1 दिसंबर, 2017 से पहले बेचे गए चार पहिया वाहनों के पंजीकरण के लिए FASTag अनिवार्य होगा। यानी एक तरह से भूमिका बना दी गई है, पूरी तैयारी है।

नए सिस्टम में एक ओर खासियत डाली गई है इसे जीपीएस के साथ ही साथ गाड़ि‍यों के मालिकों के बैंक अकाउंट से भी जोड़ा जाएगा। इससे सड़क के इस्तेमाल से हिसाब से अपने आप बैंक से पैसे कट जाएंगे। फास्टैग की तरह पहले से रिचार्ज कराने का झंझट नहीं रहेगा।केंद्रीय मंत्री गडकरी के अनुसार सभी नई गाड़ि‍यों में जीपीएस लगाना पहले ही अनिवार्य किया जा चुका है। पुरानी गाड़ि‍यों में जीपीएस लगाने के मामले में फास्टैग की तरह नई व्यवस्था की जाएगी। टोल टैक्स कलेक्शन के नए सिस्टम के लिए सरकार की ओर से पुराने वाहनों में मुफ्त GPS लगवाया जाएगा । नए सिस्टम में टोल टैक्स की वसूली फास्टैग के जरिए होगी।

यदि कोई वाहन चालक एक पॉइंट से हाईवे पर चढ़ने के बाद 35 किलोमीटर की यात्रा करके हाईवे छोड़ता है तो उससे केवल 35 किलोमीटर के लिए ही टोल टैक्स वसूला जाएगा। मौजूदा व्यवस्था में प्रत्येक 60 किलोमीटर पर टोल टोल प्लाजा स्थित है और वाहन चालकों को कम से कम 60 किलोमीटर के लिए टोल टैक्स देना पड़ता है। 

आप कहेंगें कि इसमें तो हमे काफी बचत होगी लेकिन यह बचत किस कीमत पर होगी यह भी जान लीजिए ।एक बात बताईये क्या सरकार इतनी भोली है कि GPS का इस्तेमाल सिर्फ हाइवे पर ही करेगी ? गाड़ियों में GPS तकनीक के जरिए में जो जो भी किया जा सकता है वो आप सोच भी नही सकते।

सरकार आपकी कार / चार पहिया वाहन में GPS Tracker डिवाइस लगाएगी । जिसमें सिम लगी होगी,  इसे पावर व्हीकल की बैटरी से मिलेगा, इसमें 4G,3G और 2G सभी सिम लग सकती हैं यह ट्रैकर वीक नेटवर्क सिग्नल पर भी काम करता है। यह डिवाइस लंबे समय तक खराब नहीं होने वाले हार्डवेयर के साथ आती है। कई ट्रैकर डिवाइस ऐसे भी होते हैं जिसमें एम2एम (मशीन-टू-मशीन) सिम पहले से ही दी गई होती है।

इस नई जीपीएस तकनीक के जरिए सरकार बहुत कुछ कर सकती है जो लोग ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े वो यह बात समझते हैं । कार से आप कहा जा रहे हैं, कहा रुक रहे हैं, आपका डेली रूटीन क्या है, सब पता होगा ।यह बहुत खतरनाक साबित हो सकता है जैसे मान लीजिए । आप सरकार के खिलाफ कोई आंदोलन कर रहे हैं और एक शाम को आपकी गाड़ी माँस बेचने वाले की दुकान पर रुकती है तो उन्हें बस गौरक्षकों ईशारा ही करना है । बीच रोड पर आपकी लिंचिंग हो सकती हैसिर्फ इतना ही नहीं आप कार में बैठे किससे क्या बात कर रहे हैं यह भी सरकार सुन सकती है । तकनीक के द्वारा यह भी सम्भव है कि कंट्रोल रूम से आप जहाँ है वही आपकी कार के इंजन को सेटेलाइट के जरिए बन्द कर दिया जाए और कार को लॉक कर दिया जाए । जब तक पुलिस नही आती आप अपनी कार में ही लॉक रहे ।

माना पेट्रोल, डीज़ल का दाम बढ़ा है, रेल का किराया बढ़ा है, पर आपकी आय भी तो दुगनी हो गयी है ना ? कोविड में करोड़ो रूपये के पैकेज में से कुछ तो मिला ही होगा ? पूरे एक हफ्ते वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में समझाया था पूरा पैकेज । कोई बात नही, इत्ती स्मार्ट सिटी बनी है, स्मार्ट सिटी वाले फायदे तो उठा रहे होंगे फुल ? कोई तो आवास मिला होगा आवास योजना में या डायरेक्ट सब्सिड़ी आयी होगी एकाउंट में , उससे एक्स्ट्रा ख़र्चे निकल रहे होंगे की नही ?

सरकारी आफिस में घोटाले, घूस सब खत्म हो गई, उससे तो फायदा हुआ होगा और जो विदेश जा जा करके नई नई कंपनियां भारत लाये , उससे काम धंधा तो बढ़ा ही होगा। अगर आप को इसमें और ऐसी कोई उपलब्धि नही दिख रही तो आप अंधे है, हमने तो सब योजनाओ पर ताली _ ताली और छाती पीटते लोग देखे है। किस के पैसे बढ़े है, किसको फायदा हुआ है वो तो आपको देखना पड़ेगा, मैं तो मानता हूं आम जनता जा फायदा हुआ है , पर देख नही पा रहे लोग। 

भरोसा रखें, इस बार तो कोविड के वजह से मामला खराब हो गया है, अगर आप भाजपा को 20 साल और देगे तो हम नंबर 1 देश बन जायेंगे। यह तो बस झलकियां है उपरोक्त तकनीक से ओर क्या क्या हो सकता है आप सोच भी नही सकते। भले ही यह एक साल में न हो पर यकीन मानिए 2024 तक पूरा देश एक सर्विलांस स्टेट में बदल जाएगा और लोग बेवकूफों की तरह अपनी सुरक्षा के तर्क पर इसे स्वीकार भी कर लेंगे।

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