भिवानी/मुकेश वत्स

 पूरे विश्व में आज मई दिवस मनाया जा रहा है। पूरे विश्व में एक नारा गूंज रहा है दुनियाभर के मेहनतकश-एक हो जाओ। हमारे पूर्वजों ने कुर्बानियां देकर हमारे को काम के आठ घंटे का अधिकार दिलवाया था। शिकागो में माताओं, बहनों और मेहनतकश आवाम ने कुर्बानी देकर यह अधिकार प्राप्त किया था। आज भारत में मौजूदा सरकार जो ‘आपदा’ को ‘अवसर’ में बदलना बखूबी जानती है। कोरोना की आड़ में यह मानकर की मजदूर वर्ग इक_ा नहीं हो सकेगा और विरोध नहीं कर पायेगा।

श्रम कानूनों में सुधार के नाम पर विधेयक लेकर आये ‘लेबर कोड’। इस लेबर कोड में जो शिकागो के वीर शहीदों ने अपनी जान की कुर्बानी देकर हमें अधिकार दिलवाये थे उनको बिल्कुल खत्म कर दिया गया है या पलट दिया गया है और मजदूर वर्ग को पूरी तरह से कारपोरेट के हवाले कर दिया गया है यानि पहले वाली गुलामी की तरफ धकेल दिया गया है। यह बात हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति के जिला प्रधान कुलभूषण आर्य ने कही।

आज हमें जरूरत है कि अपने देश में ‘भारत के मजदूरों’ ‘एक हो जाओ का नारा’ गुंजाने की जरूरत है यह देश के मजदूर के अस्तित्व का सवाल है। सभी मजदूर संगठनों ने चाहे वह किसी जाति, धर्म, क्षेत्र और किसी भी विचारधारा का एकजूट हो जाना चाहिए। अगर हमारा अस्तित्व ही नहीं बचेगा तो यह संगठन भी नहीं रहेंगे।

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