कितलाना टोल पर धरने के 194वें दिन किसानों ने बढ़ती मंहगाई को लेकर की आवाज बुलुन्द, हुई जोरदार नारेबाजी

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

6 जुलाई, पेट्रोलियम उत्पादों में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी ने आम आदमी के दैनिक जीवन को हिलाकर रख दिया है। यह बात किसान नेता राजू मान ने कितलाना टोल पर धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 8 जुलाई को सुबह 10 से 12 बजे तक बढ़ती महंगाई और पेट्रोलियम पदार्थों कीमतों में वृद्धि को लेकर टोल पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बावजूद पेट्रोल और डीजल के दाम इस तरह बढ़ाना समझ से परे है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती तो एक्साइज और वेट में कमी करके जनता को राहत दी जा सकती है लेकिन सत्ता में बैठे लोगों ने चुप्पी साधी हुई है।

 उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सात साल में कई लाख करोड़ से ज्यादा की राशि टैक्स के रूप में जनता से बटोरी है पर पैसा खर्च किसके विकास के लिए हुआ कोई नहीं समझ पा रहा है। उनके अनुसार चाहे रसोई गैस हो या पैट्रोल- डीजल आज हर आदमी की जरूरत बन गयी है ऐसे में इसमें इस तरह की वृद्धि आम आदमी की कमर तोड़ने वाली है। उन्होंने कहा कि सरकार को पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए ताकि इनकी कीमत कम हो सकें।

मान ने आरोप लगाया कि टैक्स की आड़ में मोदी सरकार बड़े औधोगिक घराने रिलायंस को फायदा पहुंचा रही है जिसके पंप कांग्रेस सरकार के समय बंद पड़े थे क्योंकि रिलायंस को अपने तेल के कुंओं से उत्पादन महंगा पड़ता है। इस तरह टैक्स बढ़ाकर मोदी सरकार ने एक तीर से दो निशाने साध लिए। अपना खजाना भी भर लिया और रिलायंस जैसे बड़े घराने की भी मदद कर दी। आज रिलायंस के अधिकतर पंप चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा इस तरह जनता को लूटने नहीं देगी और जिस तरह से तीन काले कानूनों को रद्द कराने को लेकर संघर्ष कर रही है इस लड़ाई को भी जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेगा।

कितलाना टोल पर धरने के 194वें दिन खाप सांगवान चालीस के सुरजभान सांगवान, श्योराण खाप के प्रधान बिजेंद्र बेरला, फौगाट खाप के प्रवक्ता शमशेर फौगाट, जाटू खाप के मास्टर राजसिंह जताई, किसान सभा के रणधीर कुंगड़, सब्बीर हुसैन, डॉ राजू गौरीपुर, प्रेम कितलाना, रतन्नी डोहकी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को सात महीने बीतने और 500 से ज्यादा से शहादतों के बावजूद किसान- मजदूर अपने लक्ष्य को लेकर अडिग हैं।

धरने का मंच संचालन गंगाराम श्योराण ने किया। इस अवसर पर सुरेन्द्र कुब्जानगर, राजकुमार हड़ौदी, धर्मेन्द्र छपार, प्रोफेसर जगमिंद्र, ईश्वर दातोली, धर्मबीर समसपुर, मीरसिंह नीमड़ीवाली, जागेराम डीपीई, जगदीश हुई, देशराम भांडवा, ओमपाल, मास्टर कर्ण सिंह, मौजीराम, लवली सरपंच, बलजीत मानकावास, ओमप्रकाश दलाल, कमल सिंह झोझू, राजबीर, सत्यवान कालुवाला, राजबाला, सूबेदार सतबीर सिंह कितलाना इत्यादि मौजूद थे।

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