कितलाना टोल के धरने पर बारिश के बीच कुलेरी (हिसार) के महेंद्र सिंह समेत किसान आंदोलन में शहादत देने वालों के लिए रखा दो मिनट का शोक
चरखी दादरी जयवीर फोगाट
7 अगस्त, किसान आंदोलन के चलते गठबंधन सरकार के नेता भाईचारे को बिगाड़ने की नीयत दौरा कर रहे हैं। यह बात चौधरी छोटूराम भीमराव आंबेडकर मंच के संयोजक गंगाराम श्योराण ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि तीन काले कानून बनने के बाद जनता भाजपा और जजपा नेताओं की शक्ल तक नहीं देखना चाहती और जगह जगह इनको विरोध का सामना करना पड़ रहा है।उन्होंने हिसार जिले के कुलेरी गांव के महेंद्र सिंह समेत किसान आंदोलन में शहादत देने वाले किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि तीन काले कानूनों के खिलाफ सभी वर्ग एकजुट होने से सरकार दवाब में है लेकिन सत्ता के नशे में भरे होने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्हें रद्द करने से हिचकिचा रहे हैं। जबकि उन्हें भूलना नहीं चाहिए कि इसी जनता जनार्दन के कारण आज वो सत्ता के शीर्ष पर हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर चल रहे धरने के 226वें दिन खाप सांगवान 40 के नरसिंह डीपीई, खाप श्योराण 25 के प्रधान बिजेंद्र बेरला, जाटू खाप के मास्टर राजसिंह, किसान सभा के रणधीर कुंगड़, बलबीर बजाड़, सुभाष यादव, कमल सिंह सांगवान, सुशीला घणघस, कलावती, रतन्नी देवी, फुला देवी, निम्बो डोहकी, प्रेम कितलाना ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि तेज बारिश से धरने पर थोड़ी अव्यवस्था जरूरी हुई लेकिन किसान- मजदूरों के हौंसले अडिग हैं और तीन काले कानून रद्द होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
इस अवसर पर मास्टर ताराचंद चरखी, सुरजभान सांगवान, सुरेन्द्र कुब्जानगर, राजू मान, प्रोफेसर जगमिंद्र, कप्तान रामफल, राजकुमार हड़ौदी, सुखदेव पालवास, राजकुमार काटिया, जगदीश हुई, देशराम भांडवा, शब्बीर हुसैन, सुल्तान खान, महाबीर जांगड़ा, सत्यवान कालुवाला, ईश्वर कोंट, सुरेश डोहकी, शमशेर सांगवान, संतोष देशवाल, मामकौर, फुलपति, ओमपति, संतरा, फुला देवी इत्यादि मौजूद थे।