कितलाना टोल पर धरने के 258वें दिन सरकार के उदासीन रवैये को लेकर जताया रोष
चरखी दादरी जयवीर फोगाट
08 सितंबर – केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की प्राथमिकता आतंकी तालिबान सरकार है और उसके लिए देश के किसान- मजदूर बेगाने हो गए हैं। यह आरोप अनेक वक्ताओं ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सैकड़ों किलोमीटर दूर अफगानिस्तान में जबरदस्ती सरकार बनाने वाले आतंकी संगठन तालिबान से तो आधी रात को वार्ता करने की फुर्सत है लेकिन दुर्भाग्य है कि उन्हें दिल्ली की सीमा पर पिछले 288 दिन से अपनी वाजिब मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसान- मजदूर दिखाई नहीं दे रहे।
सांगवान खाप के सचिव नरसिंह सांगवान डीपीई और किसान नेता राजकुमार हड़ौदी ने कहा कि हरियाणा सरकार भी केन्द्र के पदचिन्हों पर है। करनाल में निहत्थे किसानों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज के आदेश देने वाले अधिकारी आयुष सिन्हा पर कार्यवाही करने की बजाए किसानों पर वॉटर कैनन का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रख रहे हैं लेकिन सरकार इसे हमारी कमजोरी ना समझे।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल के धरने के 258वें दिन सांगवान खाप के सचिव नरसिंह सांगवान डीपीई, श्योराण खाप के प्रधान बिजेंद्र बेरला, जाटू खाप के मास्टर राजसिंह, युवा कल्याण संगठन सुभाष यादव, राजबाला, फुला देवी कितलाना ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलन को दबाने और कुचलने के कई प्रयास कर चुकी है लेकिन हर बार उसे मुंह की खानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि तीन काले कानून रद्द होने पर ही ये संघर्ष रुकेगा।
इस अवसर पर मास्टर ताराचंद चरखी, सुरजभान सांगवान, सुरेंद्र कुब्जानगर, राजू मान, रणधीर कुंगड़, प्रोफेसर जगमिंद्र, सत्यवान, दयानंद यादव, शब्बीर हुसैन, सूबेदार सत्यवीर, सुल्तान खान, संतरा, रामानंद धानक, जयप्रकाश, प्रेम थानेदार, लवली सरपंच, मास्टर सुरेन्द्र, बलबीर, सुरेश, सुरेंद्र, घंटी डोहकी इत्यादि मौजूद थे।