कितलाना टोल पर किसानों के अनिश्चितकालीन धरने के 271वें दिन बर्बाद फसलों के मुआवजे का मुद्दा गूंजा
चरखी दादरी जयवीर फोगाट
21 सितंबर – पुराने भिवानी जिले के बहुत से गांवों में कपास, मूंग, ग्वार और बाजरे की फसल बर्बाद हो गई है लेकिन बार बार आवाज उठाने के बाद भी किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यह बात चौधरी छोटूराम डॉक्टर भीमराव आंबेडकर मंच के संयोजक गंगाराम श्योराण ने कितलाना टोल पर किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा की आड में किसानों से लूट अब भी बदस्तूर जारी है। उन्होंने कहा कि किसान मुआवजा पाने के लिए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। किसानों के खाते से पैसे काटकर प्राइवेट बीमा कंपनियों को सरकार ने जरूर मालामाल कर दिया है।
दादरी से निर्दलीय विधायक और सांगवान खाप चालीस के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कहा कि सरकार किसानों को प्रताड़ित करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दे रही। केंद्र सरकार ने पहले तीन काले कानून बनाकर किसान- मजदूरों की कमर तोड़कर रख दी और रही सही कसर फसलों की बर्बादी ने पूरी कर दी है। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी किसानों को कमजोर समझने की गलती ना करें और सरकार अविलंब किसानों को राहत देने के लिए स्पेशल गिरदावरी के साथ मुआवजे की घोषणा करे।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर धरने के 271वें दिन सांगवान खाप चालीस के सचिव नरसिंह सांगवान डीपीई, श्योराण खाप के प्रधान बिजेंद्र बेरला, किसान सभा के रणधीर कुंगड़, जाटू खाप के मास्टर राजसिंह जताई, निर्मल सिंह नाथूवास, सुभाष यादव, चंद्रकला डोहकी, बिमला कितलाना, सीमा बाल्मीकि ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावों से पहले बड़े बड़े झूठ बोले थे लेकिन समय के साथ उनकी पोल खुल गई है। नरेंद्र मोदी कुर्सी हथियाने के बाद जनता से किये सभी वायदे भूल गए हैं अब आम जन मानस मौके का इंतजार कर रहे हैं और उनसे हिसाब चुकता करने को बेताब हैं।
इस अवसर पर मास्टर ताराचंद चरखी, सुरजभान सांगवान, आजाद सिंह, सुरेन्द्र कुब्जानगर, कप्तान रामफल, राजू मान, रामसिंह तिवाला, रामफल देशवाल, मीरसिंह नीमड़ीवाली, प्रोफेसर जगमिंद्र, संतोष देशवाल, सुशीला घणघस, राजबाला कितलाना, पूर्व सरपंच राजकरण पांडवान, सुरेश डोहकी, सत्यवान कालुवाला, सूबेदार सत्यवीर, बिल्लू एडवोकेट, चंद्र सिंह पैंतावास, अत्तर सिंह जांगड़ा, कर्ण सिंह, सुरेश शर्मा, महेन्द्र धानक, तस्वीर खान इत्यादि मौजूद थे।