Tag: -डॉ सत्यवान सौरभ

स्कूलों में स्मार्ट फ़ोन के प्रयोग पर पाबन्दी की पुकार

फायदों के बावजूद स्मार्टफोन जैसी डिजिटल तकनीकों का बढ़ता दुरूपयोग बच्चों को शिक्षा से दूर ले जा रहा है। किसी नशे की तरह बच्चे इसकी लत का शिकार बनते जा…

बेगानों से सोशल मीडिया के जरिये परवान चढ़ता प्रेम या फितूर

इन घटनाक्रमों ने एक बार फिर से सोशल मीडिया की सामाजिकता को लेकर बहस तेज कर दी है। हाल की दोनों घटनाओं को छोड़ भी दें तो देश में हजारों…

सही अवसर की प्रतीक्षा करने की अपेक्षा वर्तमान अवसर का उपयोग करें

बेकार बैठने से बेहतर है कि आपके पास मानव संसाधन जैसी सभी क्षमताएं और भौतिक संसाधन जैसे संसाधन उपलब्ध है; उनका सदुपयोग करें। किसी लक्ष्य को प्राप्त करना व्यक्तियों की…

आवश्यकता आज की…… राजनीति में प्रवेश के लिए भी हो कॉमन पोलिटिकल टेस्ट और इंडियन पोलिटिकल सर्विस जैसी परीक्षा

क्यों न देश में हर तरह के चुनाव लड़ने के लिए किसी परीक्षा का आयोजन किया जाये और सरकारी नौकरी की तरह राजनीति में प्रवेश के लिए उनके चरित्र का…

विचार, वचन और कर्म का सामंजस्य शांति और खुशी के स्त्रोत

आजकल, हम राजनेताओं में दोहरे मानदंड और भ्रष्ट सिविल सेवकों में सत्यनिष्ठा की कमी देखते हैं। इसलिए, प्रश्नगत उद्धरण उस समय के लिए प्रासंगिक हो जाता है, जब हम तीनों…

भारत में इतने मिग-21 क्रैश क्यों ?

मिग-21 रुस का तैयार एक फाइटर विमान है। इसका इंजन काफी पुराना है और इसके साथ ही इसमें इस्तेमाल किए गए तकनीक भी काफी पुराने हैं। ये एक सिंगल इंजन…

हम जो कुछ भी हैं वह हमारी सोच का परिणाम है….

औपनिवेशिक शासन के समय जब हर कोई बिना किसी नए विचार के अपने जीवन और नींद में व्यस्त था, उस समय हमारे स्वतंत्रता सेनानी ब्रिटिश सरकार से आजादी पाने के…

विद्यावाचस्पति (पीएच.डी.) से अलंकृत हुए डॉ सत्यवान सौरभ एवं प्रियंका सौरभ

विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ’ ने हरियाणा के भिवानी जिले के युवा दम्पति को विधावाचस्पति उपाधि से किया सम्मानित, क्षेत्र वासियों में खुशी की लहर हिसार/भिवानी/भागलपुर: राष्ट्रभाषा हिन्दी व लोक भाषाओं के…

समाज के ताने बाने से खिलवाड़ करती ‘हेट स्पीच’

साम्प्रदायिक एजेंट अक्सर चुनावी लाभ के लिए धर्म के नाम पर लोगों का ध्रुवीकरण करने के लिए हेट स्पीच का उपयोग करते हैं। साम्प्रदायिक घृणा फैलाने वाले भाषणों के कारण,…

भूकंप की तैयारी सिर्फ इमारतों के बारे में नहीं है……..

सोशल मीडिया, टीवी चैनलों और अखबारों के जरिए आम लोगों के जान-माल को भूकंप से बचने के लिए सतर्क और सजग किया जा सकता है। भूकंप से जान-माल से बचाव…